
भारत में RCS सपोर्ट जल्द होगा शुरू, एंड्रॉयड यूजर्स को मिलेगा ऐपल का ब्लू चैट बबल
क्या है खबर?
भारत में जल्द एंड्रॉयड यूजर्स को ऐपल का मशहूर ब्लू चैट बबल दिख सकता है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज (RCS) सपोर्ट शुरू करने के लिए ऐपल और गूगल के बीच बातचीत चल रही है, जिससे आईफोन और एंड्रॉयड के बीच मैसेजिंग बेहतर हो सकता है।
भारत में इस सुविधा को लागू करने के लिए गूगल के बैकएंड सर्वर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे एंड्रॉयड और आईफोन यूजर्स के बीच मैसेजिंग और आसान होगी।
आपत्ति
एयरटेल की आपत्ति, लेकिन जियो और वोडाफोन तैयार
रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया (Vi), गूगल के साथ मिलकर RCS को लागू कर रही हैं, वहीं भारती एयरटेल ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।
एयरटेल का कहना है कि गूगल RCS उनके सुरक्षा सिस्टम को बायपास कर सकता है, जिससे स्पैम मैसेज बढ़ सकते हैं। कंपनी चाहती है कि सरकार OTT मैसेजिंग सेवाओं को भी एंटी-स्पैम नियमों के तहत लाए।
हालांकि, जियो और Vi पहले से ही गूगल के साथ RCS पर काम कर रहे हैं।
फायदे
RCS मैसेजिंग क्या है और इसके फायदे?
RCS एक उन्नत मैसेजिंग तकनीक है, जो पारंपरिक SMS से बेहतर है।
यह इंटरनेट पर काम करता है और टाइपिंग इंडिकेटर, रीड रिसीट, हाई-रेजोल्यूशन मीडिया शेयरिंग जैसी सुविधाएं देता है। SMS और MMS की तुलना में यह अधिक सुरक्षित और इंटरएक्टिव है।
अगर ऐपल भारत में RCS को लागू करता है, तो आईफोन और एंड्रॉयड यूजर्स के बीच मैसेजिंग अनुभव और बेहतर होगा। इससे व्हाट्सऐप जैसी मैसेजिंग सेवाओं को भी कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल सकती है।