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5G से मिलेगा सुपरफास्ट इंटरनेट, लेकिन ये हैं इसकी सबसे बड़ी कमियां

5G से मिलेगा सुपरफास्ट इंटरनेट, लेकिन ये हैं इसकी सबसे बड़ी कमियां

Jan 25, 2021
07:30 am

क्या है खबर?

भारत में यूजर्स 5G कनेक्टिविटी आने का इंतजार कर रहे हैं। हो सकता है आप भी भविष्य की इस इंटरनेट टेक्नोलॉजी को लेकर उत्साहित हों लेकिन इससे जुड़ी कुछ चुनौतियां और खामियां भी हैं। ढेरों यूजर्स के मन में यह बात आती है कि 5G कनेक्टिविटी भारत में आने के बाद इंटरनेट की दुनिया कितनी बदल जाएगी और उनकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा। फिलहाल, 5G से जुड़ी कमियों के बारे में जानना भी जरूरी है।

नेटवर्क

4G के मुकाबले कमजोर होता है नेटवर्क

यूजर्स को ज्यादातर इलाकों में अच्छी 4G कनेक्टिविटी मिल रही है लेकिन 5G के साथ ऐसा नहीं है। जिन देशों में 5G सेवाएं दी जा रही हैं, वहां भी यह नेटवर्क काफी कमजोर है। कमजोर नेटवर्क की वजह से ढेरों यूजर्स को 5G कनेक्टिविटी के बाद भी 4G जितनी स्पीड ही मिल पाती है। बड़े शहरों के अलावा बाकी जगहों पर यूजर्स को 5G नेटवर्क मिल ही नहीं रहा, ऐसे में 4G पर टिके रहना बेहतर है।

स्पीड

तेजी से बदलती है स्पीड

दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में जहां 5G नेटवर्क मिल रहा है, वहां इसकी स्पीड स्थिर यानी कि एक जैसी नहीं है। 5G कनेक्शन से शायद ही किसी यूजर को 100Mbps से ज्यादा स्पीड मिल रही हो लेकिन यह 4G के मुकाबले फिर भी तेज है। कई मामलों में यूजर्स को 30Mbps से 50Mbps के बीच स्पीड मिल रही है और ऐसा है तो 4G नेटवर्क पर रहने में भी कोई बुराई नहीं है।

कीमत

बहुत महंगे हैं 5G प्लान्स

दुनियाभर में सबसे सस्ता 4G प्लान्स भले ही भारत में मिल रहे हों लेकिन 5G प्लान्स इनकी तुलना में बहुत महंगे होंगे। चीन का उदाहरण लें तो सबसे सस्ता 5G पैकेज 129 युआन (1,457 रुपये) प्रति महीना है। इस पैकेज में 30GB डाटा और 500 मिनट कॉलिंग के लिए मिलते हैं। भारत में भी 5G प्लान्स सस्ते 4G प्लान्स के मुकाबले कई गुना तक महंगे हो सकते हैं, यानी कि ज्यादातर इंटरनेट यूजर्स की पहुंच से दूर होंगे।

रेंज

कम होती है बेस स्टेशंस की रेंज

5G नेटवर्क कवरेज का सीधा असर यूजर्स एक्सपीरियंस पर पड़ता है और 3G या 4G के मुकाबले 5G बेस स्टेशंस का कवरेज एरिया बहुत कम होता है। 3G बेस स्टेशन करीब 5 किलोमीटर और 4G बेस स्टेशन 3 किलोमीटर एरिया को कवर करता है। वहीं, एक 5G बेस स्टेशन की कवरेज केवल 300 मीटर होती है। इसका मतलब है कि 1 किलोमीटर की रेंज में यूजर्स को 5G सेवाएं देने के लिए तीन से ज्यादा बेस स्टेशंस की जरूरत होगी।