हरियाणा: मनोहर लाल खट्टर के घर का घेराव करने पहुंचे किसान, वाटर कैनन से खदेड़ा
हरियाणा में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। इसके चलते किसानों और पुलिस में भी आए दिन झड़पें देखने को मिल रही है। किसानों ने जहां शुक्रवार को झज्जर में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यक्रम का विरोध किया, वहीं शनिवार को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव करने पहुंच गए। इस दौरान पुलिस को स्थिति को संभालने के लिए मजबूरी में किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
धान की खरीद में देरी से उग्र हुए किसान
न्यूज 18 के अनुसार, किसान कृषि कानूनों पर लंबे समय से आंदोलनरत हैं ही, लेकिन सरकार द्वारा धान की खरीद में देरी करने से उनका गुस्सा फूट पड़ा। दरअसल, केंद्र सरकार ने धान की खरीद को 10 दिनों के लिए टाल दिया है। अब देश में 11 अक्टूबर से धान की खरीद की जाएगी। कहा जा रहा है कि बारिश के कारण धान में नमी आ गई होगी। ऐसे में उसे सुखाने के लिए तारीख आगे बढ़ाई गई है।
किसानों ने बनाई मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों के घेराव की योजना
धान की खरीद में देरी से गुस्साए किसानों ने शनिवार को मुख्यमंत्री खट्टर और भाजपा विधायकों का घेराव करने की योजना बनाई थी। इसके तहत किसान अलग-अलग जिलों में विरोध के लिए जमा हो गए। इसको लेकर विधायकों और मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भारी सुरक्षा बंदोबश्त किए गए थे। किसानों ने जहां अंबाला में भाजपा विधायक के घर के बाहर प्रदर्शन किया, वहीं अन्य जिलों में विधायकों के घरों के बाहर प्रदर्शन किए गए।
किसानों की मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुई पुलिस से झड़प
किसानों ने मुख्यमंत्री खट्टर के आवास की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस और उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई। हजारों की संख्या में किसान नारेबाजी करते हुए और हाथों में झंडे लेकर मुख्यमंत्री के आवास के बाहर जमा हो गए। इस दौरान कई किसानों ने पुलिस द्वारा लगाई गई बेरीकेडिंग को तोड़ दिया और आवास की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान भारी पुलिस बल ने किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
वाटर कैनन के इस्तेमाल के बाद तितर-बितर हुए किसान
पुलिस द्वारा वाटर कैनन का इस्तेमाल करने के बाद तमाम किसान वाहनों के जरिये वहां से हटने का प्रयास करते नजर आए। पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने की भी तैयारी कर ली थी, लेकिन किसान पीछे हट गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण विरोध कर सकते हैं, लेकिन वह हिंसा में शामिल होते हैं या राजमार्ग या मुख्य सड़कों को जाम करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री चौटाला के खिलाफ निकाला था मार्च
बता दें कि उपमुख्यमंत्री चौटाला शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए झज्जर पहुंचे थे। इसके विरोध में किसानों ने मार्च निकालना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसान हाथों में झंडा लेकर कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ गए। पुलिस ने उन्हें बीच में रोक लिया। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उग्र किसान भिड़ने को आतुर दिखे। इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें खदेड़ा।
हरियाणा में लगातार हो रही है पुलिस और किसानों की झड़प
हरियाणा में पुलिस और किसानों की लगातार झड़पें हो रही है। 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित अन्य भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसमें कई किसान घायल हो गए थे। इसके विरोध में किसानों ने 7 सितंबर को करनाल लघु सचिवालय का घेराव किया था। उस दौरान भी किसानों की पुलिस से झड़प हुई थी। गुरुवार को भी यहां झड़प हुई थी।