RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया, सीट बंटवारे से थे नाराज
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। वे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थे और उन्होंने 2021 में ये पद संभाला था। पारस ने बिहार में भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे का ऐलान होने के बाद इस्तीफा दिया है। इस सीट बंटवारे में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है, जिससे वे नाराज हैं।।
हमारी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई- पशुपति पारस
इस्तीफे के ऐलान के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पशुपति पारस ने कहा कि NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने ये घोषणा कर दी है कि बिहार में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी में 5 सांसद थे। मैंने बहुत ईमानदारी, बहुत लगन, बहुत जिम्मेदारी से सेवा की... हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ नाइंसाफी हुई, इसलिए मैं भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं।"
सीट बंटवारे से क्यों नाराज पारस?
दरअसल, भाजपा ने बिहार में पारस के भतीजे और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को अपने गठबंधन में जगह दी है और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के हिस्से की पांचों सीटें उन्हें ही दी गई हैं। LJP से बनी पारस की RLJP को एक भी सीट नहीं दी गई, जबकि पहले भाजपा ने RLJP को ही LJP का उत्तराधिकारी माना था और पारस को केंद्रीय मंत्री का पद दिया था। यही पारस के इस्तीफे का कारण है।
पशुपति पारस का अपने भतीजे चिराग पासवान से क्या विवाद है?
2020 में रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से उनकी पार्टी (LJP) और विरासत पर कब्जे के लिए उनके भाई पशुपति पारस और बेटे चिराग पासवान के बीच टकराव है। LJP जून, 2021 में 2 धड़ों में बंट गई थी। तब सारे सांसद पशुपति पारस की तरफ हो गए थे और चिराग अलग-थलग पड़ गए थे। हालांकि, जमीन पर चिराग खुद को रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी साबित करने में कामयाब रहे, जिसके कारण भाजपा ने उन पर दांव लगाया है।
हाजीपुर सीट को लेकर फंसा पेच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों को अपने साथ रखना चाहती थी, लेकिन हाजीपुर सीट के कारण ये संभव नहीं हो पाया। ये रामविलास पासवान की सीट थी और वे यहां से 9 बार सांसद रहे थे। उनकी विरासत पर दावा मजबूत करने के लिए दोनों खेमे ये सीट चाहते थे। 2019 में पारस यहां से सांसद बने थे और इसे छोड़ने को तैयार नहीं थे। हालांकि, भाजपा ने ये सीट चिराग को दी।
बिहार में NDA में किसे कितनी सीटें मिली हैं?
NDA की पार्टियों के बीच हुए सीट बंटवारे के समझौते के तहत भाजपा बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) को 5 सीटें दी गई हैं। जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट मिली है।