बजट सत्र का दूसरा चरण कल से, वक्फ विधेयक समेत इन मुद्दों पर हंगामे की संभावना
क्या है खबर?
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण कल यानी 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार वक्फ समेत करीब 3 दर्जन महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है।
इसके अलावा मणिपुर का बजट भी पेश किया जा सकता है।
वहीं, विपक्ष भी वक्फ, मणिपुर और अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा की तैयारी कर रहा है।
सरकार
क्या है सरकार की तैयारी?
सरकार का मुख्य उद्देश्य वित्त विधेयक, 2025 को पारित कराना है। इसके अलावा करीब 35 विधेयकों को पेश किया जा सकता है, जिनमें से 26 विधेयक राज्यसभा में और 9 विधेयक लोकसभा में लंबित हैं।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए गृह मंत्री अमित शाह संसद की मंजूरी के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 10 मार्च को मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी।
विधेयक
कौन-कौनसे विधेयक पेश किए जा सकते हैं?
सबसे अहम वित्त विधेयक है, जो केंद्रीय बजट का हिस्सा होता है। संसद की मंजूरी के बाद ही टैक्स और वित्तीय प्रावधान लागू होते हैं।
सरकार नए आयकर विधेयक को भी पेश कर सकती है। इसे 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था और फिलहाल ये संसदीय समिति के पास है।
वक्फ जैसा एक और अहम विधेयक सरकार के एजेंडे में है। इस विधेयक में 14 संशोधनों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
मुद्दे
किन मुद्दों को उठा सकता है विपक्ष?
विपक्ष डुप्लिकेट मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) संख्या के मुद्दे पर सरकार को घेर सकता है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) इसे लेकर हमलावर है।
वक्फ विधेयक पर भी हंगामे के आसार हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि वे इसका संसद में विरोध करेंगे।
इसके अलावा मणिपुर में हिंसा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर धमकी और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर दक्षिणी राज्यों के विरोध का मुद्दा भी उठ सकता है।
सत्र
बजट सत्र के दूसरे हिस्से में होंगी 27 बैठकें
बजट सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चला था।
31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया था। अपने अभिभाषण में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया था।
इसके बाद 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने बजट पेश किया था।
सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें कुल 27 बैठकें होंगी।