वक्फ विधेयक के 14 बदलावों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी, संसद सत्र में लाया जाएगा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक के 14 बदलावों को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे आगामी संसद सत्र में पेश किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तावित 23 में से 14 बदलावों को स्वीकार किया है।
विधेयक को 10 मार्च से शुरू होने वाली संसद सत्र में दोबारा से पेश किया जाएगा।
विधेयक
JPC ने 13 फरवरी को संसद में पेश किया था विधेयक
JPC ने 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान संसद में वक्फ विधेयक को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिस पर विपक्षी सांसदों ने काफी हंगामा किया था।
विपक्षी सांसदों का कहना था कि उन्होंने विधेयक में 44 संशोधन प्रस्तावित किए थे, जिनमें से सभी को खारिज कर दिया गया, जबकि भाजपा और उनके सहयोगी दलों के प्रस्तावित 23 संशोधनों को मंजूरी दे दी गई।
संसद में मतदान के बाद 23 में 14 बदलावों को मंजूरी मिल गई।
संशोधन
इस तरह भाजपा और सहयोगी दलों के 14 बदलावों को मिली थी मंजूरी
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली JPC के समक्ष कुल 66 बदलावों प्रस्तावित थे, जिनमें 23 सत्तारूढ़ भाजपा और 44 विपक्षी सांसदों के थे।
JPC में NDA के कुल 16 सांसद हैं, जबकि विपक्ष के 10 हैं। इनके बीच बदलावों के मतदान में NDA के 16 सांसदों ने 23 बदलावों के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष के 44 संशोधन पर बहुमत नहीं मिला।
NDA के 23 बदलावों को संसद में पेश किया गया, जिसमें 14 को मंजूरी मिली।
बदलाव
विधेयक में किन बदलावों को लेकर सबसे अधिक टकराव
विधेयक में वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में कई बदलाव का प्रस्ताव है, जिसमें गैर-मुस्लिम और कम से कम 2 महिलाओं को शामिल करने की बात है।
केंद्रीय वक्फ परिषद में (संशोधन पारित हुए तो) एक केंद्रीय मंत्री, 3 सांसद, 2 पूर्व न्यायाधीश, 4 मशहूर लोग, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें किसी का इस्लामी धर्म से होना आवश्यक नहीं।
नए मियम में वक्फ काउंसिल भूमि पर दावा नहीं कर सकती और दान की सीमा तय की गई है।