महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, कौन होगा अगला मुख्यमंत्री?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। शिंदे ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी शामिल रहे। बता दें कि महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो गया है। अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई फैसला नहीं हुआ है, जिससे नई सरकार के गठन में समय लग रहा है।
एकनाथ शिंदे ने इस्तीफा दिया
कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री?
मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा भंग हो चुकी है। ऐसे में नया मुख्यमंत्री मिलने तक राज्यपाल शिंदे को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभालने को कह सकते हैं। भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना एकनाथ शिंदे को दोबारा से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रही है। महायुति गठबंधन में शामिल अजित पवार ने अभी किसी भी नाम पर सहमति नहीं जताई है। हालांकि, उनका समर्थन फडणवीस को बताया जा रहा है।
महाराष्ट्र में पहले भी हो चुका है ऐसा
यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद नया मुख्यमंत्री चुनने में इतना समय लग रहा है। महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री पर फैसला 2-3 दिनों में होगा। इससे पहले 2004 में विधानसभा का कार्यकाल 19 अक्टूबर को समाप्त हुआ था और मुख्यमंत्री ने शपथ 1 नवंबर को ली थी। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में भी विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए मुख्यमंत्री ने काफी समय बाद शपथ ली थी।
क्या रहा महाराष्ट्र चुनाव परिणाम?
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को 230 और विपक्षी महाविकास अघाडी (MVA) को केवल 46 सीटें मिली हैं। महायुति में भाजपा ने 132, शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 41 सीटें जीती हैं। MVA में कांग्रेस ने 16, शिवसेना उद्धव ने 20 और NCP शरद पवार ने 10 सीटें जीतीं। अन्य पार्टियों ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटें जरूरी हैं।
साल 2019 जैसी बन रही स्थिति
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला नहीं हो पाया तो उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इस बार भाजपा शिंदे के बिना भी सरकार बना सकती है।