अरविंद केजरीवाल को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अब तक किस-किस पार्टी का समर्थन मिला?
क्या है खबर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव डी राजा और अन्य नेताओं के साथ मुलाकात की। इस दौरान AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मौजूद रहे।
केजरीवाल दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने और उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
बयान
संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर कर रहा अध्यादेश- राजा
डी राजा ने कहा, "केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के साथ जो किया है, वह बहुत ही निंदनीय है। यह हमारे देश में संघीय शासन के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह एक तरह से हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "हम इस अध्यादेश का पूरी ताकत के साथ विरोध करते हैं। केंद्र जब भी इस अध्यादेश को लेकर विधेयक संसद में लाएगी, हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी।"
समर्थन
केजरीवाल को ममता की TMC का भी समर्थन मिला
केंद्र सरकार के खिलाफ पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी का समर्थन हासिल कर चुके हैं।
ममता ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा था, "वह हमें क्या समझते हैं? क्या हम बंधुआ मजदूर हैं? वह संविधान को ध्वस्त करना चाहते हैं। केवल सुप्रीम कोर्ट ही देश को बचा सकता है। केंद्र सरकार अध्यादेशों और राज्यपालों के जरिए राज्यों पर शासन करना चाहती है।"
मुलाकात
केजरीवाल को पवार और उद्धव का समर्थन भी मिला
केजरीवाल ने 24 मई को मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात की थी।
उद्धव ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को गलत बताते हुए कहा था, "आगे ऐसे भी दिन आएंगे कि शायद राज्य में चुनाव ही नहीं होंगे, इसलिए जनता को जगाने के लिए हम आगे आए हैं।"
इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने भी केजरीवाल को अपना समर्थन दिया था।
मुलाकात
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल चुके हैं केजरीवाल
केजरीवाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं।
उन्होंने सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। केजरीवाल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ भी मुलाकात कर चुके हैं।
इन नेताओं से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केजरीवाल के साथ मौजूद थे।
मंशा
विपक्षी नेताओं से क्यों मिल रहे हैं केजरीवाल?
केजरीवाल अध्यादेश को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं।
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली जैसा अध्यादेश अन्य राज्यों में भी ला सकती है, इसलिए विपक्षी पार्टियों को उनका समर्थन करना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा था कि यदि विपक्ष राज्यसभा में अध्यादेश को पारित होने से रोकने में सफल रहा तो यह 2024 के आम चुनावों से पहले एक बड़ा संदेश देगा।
कोशिश
केजरीवाल की कोशिश कितनी कामयाब रही?
केजरीवाल ने पिछले एक महीने में देशभर में विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकातें की हैं। वह भारत राष्ट्र समिति (BRS), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) समेत अन्य कई क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन जुटाने में कामयाब हुए हैं।
हालांकि, उनको अब तक प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला है, जो उनकी कोशिशों के लिए एक बड़ा झटका है। कांग्रेस आलाकमान ने केजरीवाल को मिलने के लिए समय तक नहीं दिया है।
मामला
क्या है अध्यादेश का मामला?
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए थे। इसके बाद मामले में केंद्र ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश जारी किया था।
इसके तहत दिल्ली में नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए दिल्ली सरकार को मिले अधिकार को पलट दिया गया और एक बार फिर इस मामले में अंतिम फैसले का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया गया।