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आघात झेलने वाली महिलाओं के भोजन विकार से पीड़ित होने की संभावना रहती है अधिक- अध्ययन 

आघात झेलने वाली महिलाओं के भोजन विकार से पीड़ित होने की संभावना रहती है अधिक- अध्ययन 

लेखन सयाली
Aug 10, 2025
03:51 pm

क्या है खबर?

महिलाओं में बचपन का आघात उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ समग्र कल्याण पर स्थायी प्रभाव डाल सकता है। इसमें शारीरिक और यौन शोषण, भावनात्मक दुर्व्यवहार, अनादर और निरंतर आलोचना जैसे करक शामिल हैं। ये अनुभव मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की जड़ हो सकते हैं, जिनमें अवसाद और चिंता शामिल होती हैं। एक हालिया अध्ययन कहता है कि बचपन में आघात झेल चुकी महिलाओं के भोजन विकार (ईटिंग डिसऑर्डर) से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है।

अध्ययन

इटली में किया गया यह अहम अध्ययन

इस अहम अध्ययन को 'डेवलपमेंट एंड साइकोपैथोलॉजी' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसे इटली के जियानलुका सैंटोरो नामक शोधकर्ता ने किया है। अध्ययन में बताया गया है कि बचपन में आघात से बची महिलाओं में मानसिक रूप से असफल होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही उनमें भोजन संबंधी विकार विकसित होने का जोखिम भी ज्यादा होता है। सैंटोरो ने ईटिंग डिसऑर्डर और मानसिक असफलत के बीच संबंधों की जांच करने के लिए यह अध्ययन किया था।

जानकारी

क्या होता है भाेजन विकार?

भोजन विकार एक मानसिक बीमारी है, जो खान-पान के असामान्य व्यवहारों को परिभाषित करता है। इसके कारण व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसमें बहुत ज्यादा या बहुत कम खाना शामिल होता है।

प्रतिभागी

409 महिलाएं बनीं थीं अध्ययन का हिस्सा

इस अध्ययन में 409 महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनकी औसत आयु 23 साल थी। ज्यादातर प्रतिभागियों के पास या तो पूर्व-माध्यमिक स्कूल या हाई स्कूल की डिग्री थी। सभी महिलाएं अविवाहित थीं, लेकिन 91 प्रतिशत रिलेशनशिप में थीं। प्रतिभागियों ने अध्ययन के दौरान कुल 3 प्रकार के परीक्षण दिए थे, जिनमें सर्वेक्षण और जांच शामिल थीं। सबसे पहले उन्होंने बचपन के आघात से जुड़ी एक प्रश्नावली भरी, जिसमें ज्यादा सवाल नहीं थे।

प्रक्रिया

3 तरह के परीक्षण कर पूरा हुआ अध्ययन

इसके बाद प्रतिभागियों ने मानसिक क्षमताओं में कठिनाइयों वाली प्रश्नावली भरी थी। मानसिक क्षमताओं में कठिनाइयों का मतलब है खुद की और दूसरों की मानसिक अवस्थाओं को समझने और व्यक्त करने में आने वाली चुनौतियां। यह विचारों और भावनाओं के बारे में अनिश्चितता या बहुत ज्यादा निश्चितता महसूस करना हो सकता है। आखिर में खाने के विकारों से संबंधित लक्षण और मनोवैज्ञानिक विशेषताओं वाला परीक्षण किया गया था। इससे भोजन विकार होने के सटीक कारण सामने आते हैं।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

अध्ययन के परिणामों से पता चला कि उच्च बॉडी मास इंडेक्स वाले प्रतिभागियों में भोजन विकार के लक्षण ज्यादा पाए गए। इसके लक्षणों की गंभीरता मानसिक अवस्थाओं के बारे में बढ़ती अनिश्चितता से भी जुड़ी थी। अध्ययन में सामने आया कि बचपन का आघात मानसिक अवस्थाओं के बारे में अनिश्चितता बढ़ाता है, जिसके परिणामस्वरूप भोजन विकार का जोखिम बढ़ जाता है। भोजन विकार के लक्षण बाल दुर्व्यवहार और अनादर के कारण पैदा होने वाली दर्दनाक भावनाओं का परिणाम होते हैं।