LOADING...
2025 में टैक्स से लेकर नौकरी और कानून तक हुए ये कई बड़े सुधार
भारत की सुधार यात्रा का अहम साल

2025 में टैक्स से लेकर नौकरी और कानून तक हुए ये कई बड़े सुधार

Dec 25, 2025
07:41 pm

क्या है खबर?

साल 2025 भारत के लिए सिर्फ एक कैलेंडर वर्ष नहीं, बल्कि बड़े बदलावों और नीतिगत फैसलों का अहम पड़ाव साबित हुआ। इस दौरान केंद्र सरकार ने प्रशासन को सरल बनाने, पुराने कानूनों को बदलने और अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने पर खास जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए गए सुधारों ने गवर्नेंस, कारोबार और निवेश के माहौल को मजबूत किया है। इन कदमों का असर आने वाले वर्षों की विकास यात्रा पर साफ दिखने वाला है।

#1

लेबर, GST और इनकम टैक्स में बड़े बदलाव 

2025 में लेबर कोड पूरी तरह लागू हुए, जिससे 29 पुराने श्रम कानून 4 नए सरल कोड में बदले गए। इससे वर्कर्स की सुरक्षा बढ़ी और कंपनियों को स्पष्ट नियम मिले। वस्तु एवं सेवा (GST) को 2 स्लैब सिस्टम में लाकर टैक्स ढांचा आसान किया गया, जिससे कारोबार और उपभोक्ताओं को राहत मिली। इनकम टैक्स में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई।

#2

इज ऑफ डूइंग बिजनेस और MSME सुधार 

केंद्र सरकार ने इस साल बड़ा कदम उठाते हुए इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर की समीक्षा कर कई अनावश्यक नियम हटा दिए हैं। लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (MSME) की परिभाषा बदली गई और निवेश व टर्नओवर की सीमा बढ़ाई गई, ताकि कंपनियां बिना रुकावट आगे बढ़ सकें। छोटी कंपनियों की सीमा बढ़ाकर उन्हें स्केल करने का मौका दिया गया। इन कदमों से स्टार्टअप्स, छोटे उद्योगों और एक्सपोर्टर्स पर नियमों का बोझ कम हुआ।

Advertisement

#3

FDI, ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान

2025 में इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देकर सरकार ने विदेशी निवेश का रास्ता खोला। भारत ने यूनाइटेड किंगडम (UK), ओमान और यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (EFTA) जैसे देशों के साथ बड़े ट्रेड एग्रीमेंट किए, जिससे एक्सपोर्ट बढ़ाने की तैयारी हुई। मैन्युफैक्चरिंग और MSME सेक्टर को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने पर जोर दिया गया। इन कदमों से भारत की ट्रेड पोजिशन और निवेश माहौल मजबूत हुआ।

Advertisement

#4

कानूनी, ग्रामीण और न्यूक्लियर सुधार

साल 2025 में भारतीय न्याय संहिता लागू हुई, जिसने IPC की जगह ली और साइबर व आर्थिक अपराधों पर फोकस बढ़ाया है। जन विश्वास सुधारों के तहत छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया और ग्रामीण रोजगार योजना में काम के दिन बढ़ाए गए। न्यूक्लियर कानून में बदलाव कर निजी और विदेशी निवेश को सीमित रूप से अनुमति दी गई, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिली है।

Advertisement