क्रोशे करके आप बना सकेंगे कई चीजें, जानिए बुनाई की इस कला को करने का तरीके
क्या है खबर?
आज कल बाजार में ऊन वाले फूल, गुड्डे और स्कार्फ आदि मिलती हैं। इन सभी को एक खास तरह की बुनाई के जरिए बनाया जाता है, जिसे क्रोशे कहते हैं।
यह कला बेहद आसान होती है, लेकिन इसे सीखने के लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की जरूरत पड़ती है। अगर अपने एक बार इसे सीख लिया तो आप इसके जरिए कपड़े भी बना सकेंगे।
आइए क्रोशे कला से जुड़ी अहम बातें जानते हैं।
क्रोशे
क्या होता है क्रोशे का असल मतलब?
क्रोशे शब्द फ्रांसीसी शब्द क्रोशिया से लिया गया है, जिसका मतलब होता है 'हुक'। यह ऊन के जरिए की जाने वाली बुनाई की कला है, जिसमें सुई के हुक वाले किनारे की मदद से कपड़ा बनाया जाता है।
बुनाई की तरह, क्रोशे का उपयोग शॉल, स्वेटर, मोजे आदि बनाने के लिए किया जाता है।
ज्यादातर लोग इसे अपने खाली समय में की जाने वाले शौक की तरह अपनाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह उनका पेशा भी बन जाता है।
सामान
क्रोशे करने के लिए आपको चाहिए होगा ये सामान
क्रोशे की कला सीखने की शुरुआत करने से पहले आपको उससे जुड़ा सारा सामान खरीदकर रख लेना चाहिए। इसके लिए आपको सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाला ऊन यानि यार्न खरीदना चाहिए।
इसके अलावा आपको क्रोशे वाला हुक, कैंची और सुई की भी जरूरत पड़ेगी।
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि सभी को मोटे धागे से ही इस कला की शुरुआत करनी चाहिए और धागे के साथ मिलने वाले हुक का इस्तेमाल करना चाहिए।
तरीका
जानिए इस कला को करने का सही तरीका
क्रोशे करने के लिए सबसे पहले इसके बेसिक्स सीखें। दाहिने हाथ में क्रोशे हुक पकड़ें और उसपर एक गांठ बनाएं।
धागे को पीछे से आगे की ओर हुक के ऊपर ले कर आएं और हुक से उसे पकड़ लें। अब गांठ के माध्यम से हुक किए गए धागे को हल्का-सा खींचें।
अब पहली चेन सिलाई को छोड़ें और अगली चेन सिलाई के बीच में हुक डालें। इन्हीं चरणों को दोहराते रहें, जब तक आपकी मन चाही वस्तु न बन जाए।
कलाकृतियां
क्रोशे के जरिए आप बना सकते हैं ये चीजें
वैसे तो आम तौर पर लोग क्रोशे की कला को एक शौक की तरह अपनाते हैं। ज्यादतर लोग इसके जरिए शॉल, स्कार्फ या रुमाल बनाना पसंद करते हैं।
हालांकि, इस कला में पारंगत होने के बाद आप इसके जरिए फूल, खिलौने, लोगों की गुड़ियाएं और यहां तक कि की-रिंग भी बना सकते हैं।
क्रोशे करके कई लोग कंबल, चद्दर, रजाई, मोजे और टोपी आदि भी बनाते हैं। आप इस कला को सीखकर अपना व्यापर भी शुरू कर सकते हैं।