शादी में दूल्हे इन तरीकों से बंधवा सकते हैं साफा, लगेंगे बहुत स्टाइलिश
भारतीय शादियों में दूल्हे का लुक बहुत अहम होता है। पारंपरिक साफा या पगड़ी दूल्हे की शान को और बढ़ा देती है। यह न केवल उसकी पोशाक को पूरा करता है, बल्कि उसे एक शाही अंदाज भी देता है। इस लेख में हम आपको विभिन्न प्रकार के पारंपरिक साफा स्टाइल्स के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप अपनी शादी में आजमा सकते हैं और अपने लुक को खास बना सकते हैं।
राजपूती साफा
राजपूती साफा राजस्थान की पहचान है। इसे पहनने से दूल्हे का लुक बहुत ही शाही और आकर्षक लगता है। राजपूती साफा आमतौर पर चमकीले रंगों में होता है और इसमें जरी की कारीगरी होती है। इसे पहनने के लिए पहले सिर पर कपड़ा बांधा जाता है और फिर उसे खास तरीके से मोड़ा जाता है ताकि वह सिर पर अच्छी तरह से टिक सके।
बनारसी पगड़ी
बनारसी पगड़ी उत्तर भारत की खासियत मानी जाती है। यह बनारसी साड़ी के कपड़े से बनाई जाती है, जिसमें बारीक कढ़ाई होती है। बनारसी पगड़ी पहनने से दूल्हे का लुक बहुत ही मनोहर और आकर्षक लगता है। इसे बांधने का तरीका थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन एक बार सही तरीके से बांध लेने पर यह बहुत सुंदर दिखती है और दूल्हे को एक शाही अंदाज देती है।
मराठी मुंडास
मराठी मुंडास महाराष्ट्र की पारंपरिक पगड़ी होती है जिसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है। इसे सफेद या हल्के रंगों में बनाया जाता है और इसके किनारे पर लाल या हरे रंग की पट्टी होती है जो इसकी खूबसूरती को बढ़ाती है। मराठी मुंडास को पहनकर दूल्हे का लुक बेहद खास और अलग नजर आता है। यह पगड़ी दूल्हे को एक पारंपरिक और शाही अंदाज देती है, जिससे उसकी पूरी पोशाक में निखार आता है।
पंजाबी पटका
पंजाबी पटका पंजाब की संस्कृति का हिस्सा है, जिसे शादी-ब्याह जैसे मौकों पर पहना जाता है। यह आमतौर पर रेशमी कपड़े से बना होता है, जिसमें सुनहरे धागों की कढ़ाई होती है। पंजाबी पटका पहनकर दूल्हे का व्यक्तित्व बेहद प्रभावशाली नजर आता है। इन पारंपरिक साफाओं को सही तरीके से बांधना जरूरी होता है ताकि वे पूरे दिन टिक सकें। आप किसी विशेषज्ञ या परिवार के बुजुर्ग सदस्य की मदद ले सकते हैं, जो इन्हें बांधने में माहिर हों।