खरीदारी के वक्त असली कॉटन की साड़ी की पहचान करने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स
क्या है खबर?
गर्मी के मौसम में भारतीय महिलाएं कॉटन की साड़ियां पहनना पसंद करती हैं। इस कपड़े से बनने वाली साड़ियां आरामदायक, हल्की और हवादार होती हैं, जिन्हें पहनकर गर्मी महसूस नहीं होती।
हालांकि, इन दिनों कई लोग कॉटन के कपड़ों में अन्य कपड़ों की मिलावट कर देते हैं या अन्य कपड़ों को कॉटन बताकर बेचते हैं।
आज के फैशन टिप्स में जानिए कॉटन की साड़ी खरीदते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
#1
साड़ी को छूकर देखें
कॉटन की साड़ी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए सबसे पहले उसे छूकर देखें। शुद्ध कॉटन छूने पर बेहद मुलायम और मखमली लगता है और उससे बनी साड़ी की बनावट बेहद हल्की होती है।
आपको वही साड़ी खरीदनी चाहिए, जिसे स्पर्श करने पर आपको आराम महसूस हो। ऐसी साड़ियां लेने से बचें, जो खुरदरी, चमकदार या सिंथेटिक बनावट वाली हों।
उच्च गुणवत्ता वाली कॉटन की साड़ियां सस्ते कॉटन वाली साड़ियों की तुलना में भारी और मोटी होती हैं।
#2
पहनकर जांच करें
ज्यादातर कपड़ों से बनी साड़ियां मुश्किल से बंधती हैं और फूली-फूली नजर आती हैं। हालांकि, कॉटन की साड़ियां जल्दी और आसानी से बंध जाती हैं।
असली कॉटन की साड़ी की पहचान करने के लिए उसे अपने शरीर पर लपेटकर देखना सही रहेगा। शुद्ध कॉटन से बनी साड़ियां शरीर पर चिपकी हुई रहती हैं, जिसके कारण आप मोटी नहीं लगेंगी।
इसके अलावा, ये साड़ियां शरीर से फिसलती भी नहीं हैं। अगर लपेटते वक्त साड़ी अधिक चिकनी लगे तो उसे न खरीदें।
#3
लेबल को पढ़ें
आम तौर पर महिलाएं शोरूम या बड़ी दुकानों से ही साड़ियां लेना पसंद करती हैं। लिहाजा, इन दुकानों पर बिकने वाली कॉटन की साड़ियों में खास लेबल लगे होते हैं।
इन लेबल पर लिखा होता है कि साड़ी में कितने प्रतिशत कॉटन का इस्तेमाल किया गया है। अगर उस पर 100 प्रतिशत या शुद्ध कॉटन लिखा हो तो समझ जाएं वह असली कॉटन की साड़ी है।
कुछ दुकानों पर साड़ियों की प्रमाणिकता को दर्शाने वाले दस्तावेज तक दिए जाते हैं।
#4
सिलाई पर ध्यान दें
कॉटन की साड़ियां ज्यादातर हाथ से बुनी जाती हैं, जो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से तैयार की जाती हैं।
हाथ से बुने कपड़ों में धागे की कढ़ाई अलग-अलग हो सकती है, डिजाइन में भिन्नता आ सकती है और सिलाई के वक्त धागों की गिनती कम-ज्यादा हो सकती है।
इसके अलावा, कॉटन की साड़ियों पर आसानी से सिकुड़न आ जाती है, जो उसकी शुद्धता का प्रमाण होती है। जब आप उसे मोड़ेंगी तो वह उसी आकार में मुड़ी रहेगी।