माता-पिता के झगड़ों का बच्चों पर पड़ता है ये बुरा प्रभाव
बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर ने हाल ही में अपने बचपन के बारे में खुलासा किया है। उनके माता-पिता नीतू सिंह और ऋषि कपूर के झगड़ों के कारण बचपन में वह दहशत में रहते थे। उन्होंने बताया की उन्हें अपने माता-पिता के बीच अक्सर होने वाली बहसों के कारण तनाव महसूस होता था। न सिर्फ रणबीर, बल्कि हर बच्चे पर माता-पिता के बीच होने वाली लड़ाई का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जानिए बच्चे के झगड़े से पीड़ित होने के संकेत।
माता-पिता की लड़ाई से कैसे प्रभावित होता है बच्चा?
पति-पत्नी के बीच झगड़ा या लड़ाई होना आम बात होती है। हालांकि, इन लड़ाइयों का बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसके कारण बच्चों की संज्ञानात्मक शक्ति, सामाजिक संबंध और संपूर्ण स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। रोजाना घर में लड़ाई देखने वाला बच्चा बेहद डरा और सेहमा हुआ रहता है और लोगों से बात-चीत करने में भी घबराता है। ऐसे में सही ढंग से बच्चों की देखभाल करने के लिए झगड़े से होने वाले दुष्प्रभावों को जानना भी जरूरी है।
व्यवहार में आता है बदलाव
बच्चे के व्यवहार में बदलाव इस बात का संकेत हो सकता है कि माता-पिता का झगड़ा उसे प्रभावित कर रहा है। ऐसी स्थिति में बच्चे सामाजिक मेलजोल से दूर जाना शुरू कर देते हैं, चिड़चिड़े हो जाते हैं या अत्यधिक आक्रामकता प्रदर्शित करते हैं। इसके अलावा, उनकी नींद भी बार-बार टूटती है और उन्हें बुरे सपने आने लगते हैं। आपके बच्चे के व्यवहार में किसी भी ध्यान देने योग्य बदलाव के प्रति सतर्क रहना जरूरी है।
पढ़ाई में हो जाता है कमजोर
माता-पिता की लड़ाई के कारण कई बच्चे पढ़ाई में कमजोर हो जाते हैं। रोज-रोज की बहस से बच्चे की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर असर पड़ता है, जिससे उसका शैक्षणिक प्रदर्शन खराब होता है। अगर आपके बच्चे के मार्क्स में गिरावट आने लगी है या उसका स्कूल जाने का मन नहीं करता है तो यह माता-पिता की लड़ाई से प्रभावित होने के संकेत हो सकते हैं। कई बच्चे झगड़े के कारण कक्षा में बोलने से भी डरने लगते हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ता है असर
रोजाना माता-पिता को झगड़ते हुए देखने वाले बच्चों का स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगता है। उन्हें सिरदर्द, पेट दर्द या अन्य शारीरिक असुविधाओं से जूझना पड़ता है। इसके अलावा, ऐसे बच्चों को सोने में कठिनाई हो सकती है, वे डर से बिस्तर पर पेशाब कर सकते हैं या उन्हें बुरे सपने आ सकते हैं। इन लक्षणों को गंभीरता से लेना जरूरी है और समय पर उनका सही इलाज करवाना भी महत्वपूर्ण होता है।
बढ़ जाता है भावनात्मक संकट
हर दिन घर में लड़ाई और झगड़ा देखने वाले बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर माता-पिता के झगड़े का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उनमें चिंता, अवसाद या तनाव के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। साथ ही ऐसे बच्चों का आत्मविश्वास भी बुरी तरह से प्रभावित होता है। वे लोगों से मिलने-झुलने और बात तक करने से कतराने लगते हैं और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना बंद कर देते हैं।