भारतीय लोक नृत्यों में रुचि रखने वाले लोगों को पढ़नी चाहिए इनपर आधारित ये 5 किताबें
भारतीय लोक नृत्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा हैं। ये नाच-गाना अलग-अलग राज्यों और समुदायों की परंपराओं, रीति-रिवाजों और जीवनशैली को दर्शाते हैं। अगर आप भारतीय लोक नृत्यों के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो यहां हिंदी भाषा की 5 ऐसी किताबें हैं, जो आपको इन समृद्ध कला के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगी। इन पुस्तकों के माध्यम से आप भारतीय लोक नृत्य की विविधता और उनके सांस्कृतिक महत्व को समझ सकते हैं।
फोल्क, ट्राइबल एंड रिटुअल डांसेज ऑफ इंडिया- अशिश मोहन खोकर
अशिश मोहन खोकर द्वारा लिखित यह किताब एक अहम किताब है, जो भारत के अलग-अलग लोक, जनजातीय और अनुष्ठानिक नृत्यों का विस्तृत विवरण देती है। इसका हिंदी अनुवाद भी उपलब्ध है। इस किताब में न केवल इन नृत्यों की तकनीक और प्रदर्शन के तरीकों का वर्णन किया गया है, बल्कि उनके सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व को भी उजागर किया गया है। यह किताब उन लोगों के लिए बढ़िया रहेगी, जो भारतीय लोक नृत्यों की विविधता को समझना चाहते हैं।
फोल्क ट्रेडिशन्स ऑफ नॉर्थईस्ट इंडिया- बीरेन बारुआ और सुमन स्वरागी
बीरेन बारुआ और सुमन स्वरागी द्वारा लिखित 'फोल्क ट्रेडिशन्स ऑफ नॉर्थईस्ट इंडिया' पूर्वोत्तर भारत के लोक नृत्यों पर केंद्रित एक अहम किताब है। हालांकि, यह मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई थी, लेकिन इसका हिंदी अनुवाद भी उपलब्ध हो सकता है। इस किताब में पूर्वोत्तर भारत के असम, मणिपुर, नागालैंड आदि जैसे राज्यों के लोक नृत्यों का विस्तृत अध्ययन किया गया है। इसमें इन नृत्यों की खासियत और उनके सांस्कृतिक महत्व को विस्तार से बताया गया है।
भारत के लोक नृत्य- रेजिनाल्ड मैसी
रेजिनाल्ड मैसी द्वारा लिखित 'भारत के लोक नृत्य' एक ऐसी किताब है, जो भारतीय लोक नृत्यों का इतिहास, तकनीक और प्रदर्शन विधियों का विस्तारित विवरण प्रस्तुत करती है। यह किताब हिंदी में भी उपलब्ध हो सकती है। इसमें देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित कई प्रकार के लोकनर्तकों की कहानियां शामिल हैं, जिनसे पाठक इनकी विविधता को समझ सकते हैं। यह किताब उन लोगों के लिए आदर्श साबित होगी, जो भारतीय संस्कृति को जानने-समझने में रुचि रखते हैं।
लोक नृत्यों की परंपरा- नेशनल बुक ट्रस्ट
नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित 'लोक नृत्यों की परंपरा' एक ऐसी किताब है, जिसमें भारतीय लोकनर्तकों की पारंपरिक धरोहर और उनके सांस्कृतिक अहमियत पर रोशनी डाली गई है। यह किताब खासतौर पर हिंदी भाषा में उपलब्ध होने के कारण इसे पढ़ना आसान हो सकता है। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित कई प्रकार की जानकारी दी गई है, जिससे पाठक इनके बारे में अधिक जान सकते हैं।
भारतीय लोकनर्त्य: एक परिचय- राजकमल प्रकाशन
राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 'भारतीय लोकनर्त्य: एक परिचय' में भारतीय लोकनर्त्यों के बारे में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किताब खासकर हिंदी भाषा में उपलब्ध होने के कारण इसे पढ़ना काफी आसान बनाता है। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लोकनर्त्यों के इतिहास, तकनीक और प्रदर्शन विधियों को विस्तार से बताया गया है। यह किताब उन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी, जो भारतीय संस्कृति और उसके अलग-अलग पहलुओं को जानने-समझने में रुचि रखते हैं।