नेहा भसीन हैं प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर से पीड़ित, जानिए इसके लक्षण और इलाज के तरीके
नेहा भसीन एक मशहूर गायिका और अभिनेत्री हैं, जिनके गानों पर हजारों लोग थिरकते हैं। हालांकि, वह इन दिनों अपनी कला के कारण नहीं, बल्कि अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल, नेहा प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) नामक विकार से जूझ रही हैं, जिसके कारण उनका वजन 10 किलो बढ़ गया है और वह अवसाद का शिकार हो गई हैं। आइए इस लेख में इस बीमारी के लक्षण और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
जानिए क्या होता है प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर
PMDD एक दीर्घकालिक स्वास्थ्य स्थिति है, जो पीरियड्स से पहले गंभीर शारीरिक और भावनात्मक परेशानियों का कारण बनती है। कई महिलाओं को पीरियड्स से पहले और उसके दौरान प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) होता है, जिसके दौरान मूड खराब होता है या सिर दर्द होता है। हालांकि, PMDD इस स्थिति से गंभीर परेशानी है, जिसके दौरान महिलाओं को चिंता और अवसाद महसूस होता है। कुछ महिलाओं को इसके कारण आत्महत्या करने के भी ख्याल आने लगते हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर के लक्षण
PMDD करीब 10% महिलाओं को प्रभावित करता है, जिसके कारण वह तनाव का शिकार हो जाती हैं। इसके लक्षण सभी महिलाओं में अलग-अलग नजर आते हैं। ये पीरियड्स से एक या 2 सप्ताह पहले दिखाई देते हैं और पीरियड्स शुरू होने के कुछ दिनों बाद कम हो जाते हैं। इस दौरान महिलाओं को गुस्सा आता है, अकेले रहने का दिल करता है, चिंता होती है, थकान लगती है, ध्यान लगाने में कठिनाई होती है और बहुत अधिक भूख लगती है।
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर होने के कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों को अब तक PMDD होने का सटीक कारण नहीं पता लग सका है। हालांकि, कहा जाता है कि ओव्यूलेशन के बाद और पीरियड्स से पहले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन के घटते स्तर के कारण ये लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा, मूड, भूख और नींद को नियंत्रित करने वाला हार्मोन सेरोटोनिन भी इसमें योगदान दे सकता है। इसका स्तर पीरियड्स साइकिल के दौरान लगातार बदलता रहता है।
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर के इलाज के तरीके
PMDD के निदान के बाद डॉक्टर एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां देते हैं, जो सेरोटोनिन के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां भी डॉक्टर द्वारा सुझाई जाती हैं, जिनमें ड्रोसपाइरोन और एथिनिल एस्ट्राडियोल होते हैं। आप दवाइयों के बिना भी इस परेशानी से निपट सकती हैं। इसके लिए अपनी डाइट पर ध्यान दें और कैफीन का सेवन कम करें। साथ ही, मूड बेहतर बनाने वाली एक्सरसाइज करें, ध्यान लगाएं और अपने दोस्तों या परिवार वालों के साथ वक्त बिताएं।
इलाज न करवाने पर हो सकती हैं ये गंभीर परेशानियां
अगर समय रहते PMDD का इलाज न करवाया जाए, तो यह अवसाद और गंभीर मामलों में आत्महत्या का कारण बन सकता है। यह विकार गंभीर भावनात्मक संकट पैदा कर सकता है और रिश्तों और करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।