 
                                                                                मशहूर व्यवसायी अजीम प्रेमजी से सीखने को मिल सकती है दान की अहमियत और तरीके
क्या है खबर?
विप्रो के संस्थापक और चेयरमैन अजीम प्रेमजी न केवल एक सफल व्यवसायी हैं बल्कि एक महान समाजसेवी भी हैं। उन्होंने अपने जीवन में दान और समाज सेवा को बहुत अहमियत दी है। उनके योगदान ने लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, आपदा राहत कार्यों और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में उनके प्रयास सराहनीय हैं। आइए उनके कुछ प्रमुख दान कार्यों के बारे में जानते हैं।
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शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
प्रेमजी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने साल 2001 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में प्राथमिक शिक्षा को सुधारना है। इस फाउंडेशन ने कई स्कूलों का निर्माण किया और शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम किया। इसके अलावा उन्होंने अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्थापना भी की, जहां छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलती है।
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स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी प्रेमजी का योगदान अहम है। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई अस्पतालों और क्लीनिकों का निर्माण करवाया। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करने और जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने पर जोर दिया ताकि गरीब तबके तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच सकें। प्रेमजी ने कई स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए, जिससे लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके और उनकी सेहत में सुधार हो सके।
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आपदा राहत कार्यों में दिया सहयोग
प्रेमजी ने आपदा राहत कार्यों में भी अहम भूमिका निभाई है। जब-जब देश किसी प्राकृतिक आपदा से जूझा, तब-तब उन्होंने दिल खोलकर मदद की। चाहे वह बाढ़ हो या भूकंप, प्रेमजी फाउंडेशन ने हमेशा जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई और पुनर्वास कार्य किए। इसके अलावा उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी शिविरों का निर्माण करवाया और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान कीं ताकि वे जल्द से जल्द सामान्य जीवन जी सकें।
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महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर
महिला सशक्तिकरण के लिए भी प्रेमजी ने कई पहलें शुरू कीं। उनकी फाउंडेशन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम चलाती है, जिसमें उन्हें रोजगार कौशल सिखाए जाते हैं और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा महिलाओं को नेतृत्व और प्रबंधन के गुण भी सिखाए जाते हैं। इससे महिलाएं अपने परिवार का सहारा बन सकेंगी, समाज में अपनी पहचान बना सकेंगी और आत्मविश्वास से भरपूर जीवन जी सकेंगी।
#5
पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रयास
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी प्रेमजी सक्रिय रहे हैं। उनकी फाउंडेशन पर्यावरणीय समस्याओं पर जागरूकता फैलाने और समाधान खोजने पर काम करती है। वे वृक्षारोपण अभियान चलाते हैं और जल संरक्षण परियोजनाओं पर काम करते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ पर्यावरण मिल सके। प्रेमजी से हमें यह सीखने को मिलता है कि सफलता सिर्फ व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि समाज सेवा का हिस्सा बनना चाहिए।