कोरोना वायरस: बिना लक्षण वाले लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए 44 प्रतिशत मरीज- स्टडी
दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर हो रही स्टडी में रोजाना नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। अब चीन में हुई एक स्टडी में पता चला है कि महामारी से संक्रमित हुए मरीजों में 44 प्रतिशत उन लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए थे, जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं देखे गए थे। स्टडी में यह बताया गया कि किसी व्यक्ति में लक्षण दिखने से दो-तीन दिन पहले वह दूसरों को संक्रमित करना शुरू कर देता है।
ग्वांगझु के 94 मरीजों पर की गई है स्टडी
नैचर मेडिसिन जर्नल में पब्लिश हुई यह स्टडी ग्वांगझु के 94 मरीजों पर की गई है। स्टडी में पाया गया कि लक्षण दिखने के समय गले में वायरल लोड सबसे ज्यादा होता है और अनुमान है कि लक्षण दिखने से पहले यह बढ़ना शुरू हो जाता है या अपने चरम पर पहुंच सकता है। स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि 44 प्रतिशत मरीज ऐसे लोगों से संक्रमित हुए हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं देखे गए थे।
तियानजिन और सिंगापुर में ज्यादा हो सकता है आंकड़ा
स्टडी में बताया गया कि सिंगापुर और तियानजिन में यह प्रतिशत क्रमश: 48 और 62 हो सकता है। यानी इन जगहों पर ज्यादा मरीज बिना लक्षण वाले लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं।
भारत में नहीं हो रहे बिना लक्षण वाले मरीजों के टेस्ट
भारत में अभी अधिकतर उन लोगों के टेस्ट हो रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण देखे जा रहे हैं। भारत में पिछले 14 दिनों में विदेशों से आए ऐसे लोग, जिनमें लक्षण देखे गए हैं, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोग, ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जिनमें लक्षण देखे जा रहे हैं, सांस लेने में गंभीर परेशानी से जूझ रहे लोग, बुखार और जुकाम से पीड़ित और हॉटस्पॉट में इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों की जांच की जा रही है।
भारत की टेस्टिंग रणनीति पर क्या कहते हैं अधिकारी?
भारत में सिर्फ उन बिना लक्षण वाले लोगों के टेस्ट हो रहे हैं, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बिना महामारी के लक्षण वाले लोगों से दूसरे के संक्रमित होने की संभावना बेहद कम है और इसके चलते टेस्टिंग की रणनीति में बदलाव करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, नैचर मेडिसिन में छपी यह स्टडी इससे उलट तस्वीर पेश करती है।
सिर्फ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आईसोलेशन पर्याप्त नहीं- स्टडी
स्टडी में कहा गया है कि अगर लक्षण दिखने से पहले 30 प्रतिशत ट्रांसमिशन हो जाता है तो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आईसोलेशन तब तक सफल नहीं है, जब तक इसके 90 प्रतिशत कॉन्टैक्ट को ट्रेस न कर लिया जाए।
दुनियाभर में 21 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनियाभर के 21.5 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। इनमें से 1.44 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। महामारी के सबसे ज्यादा (6.7 लाख) मामले अमेरिका में सामने आए हैं। वहीं अगर भारत की बात करें तो शुक्रवार सुबह तक 13,387 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से 11,201 सक्रिय मामले हैं, 437 की मौत हो चुकी है और 1,748 लोग ठीक हो चुके हैं।