कब शुरू हुआ अप्रैल फूल डे मनाने का सिलसिला और इसे क्यों मनाया जाता है?
क्या है खबर?
दुनियाभर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल यानी प्रैंक डे के रूप में मनाते हैं।
अप्रैल फूल डे पर अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ प्रैंक करना अब एक परंपरा बन गई है। मानो या न मानो ऐसे कई लोग हैं, जो अपने मजाक की योजना हफ्तों पहले बना लेते हैं।
आइए आज अप्रैल फूल के मौके पर जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरूआत कब और कैसे हुई।
क्या आप जानते हैं?
अप्रैल फूल डे की शुरुआत कैसे हुई?
इतिहासकारों के अनुसार, अप्रैल फूल मनाने की शुरूआत सैकड़ों साल पहले 1582 हुई है। माना जाता है कि अप्रैल फूल डे पहली बार यूरोप में मनाया गया था और इसे कैलेंडर में बदलाव से जोड़ा गया है।
बदलाव
जूलियन से ग्रेगोरियन कैलेंडर में हुआ बदलाव
ऐसा कहा जाता है कि 1582 तक नया साल 1 अप्रैल के आस-पास शुरू होता था और यूरोप में 25 मार्च को। यह जूलियन कैलेंडर के अनुसार था, जो कि वर्नल इक्विनॉक्स के अनुसार निर्धारित किया गया था।
पोप ग्रेगरी XIII ने 1582 में ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत की, जिसे बाद में उनके नाम पर रखा गया। नए कैलेंडर के मुताबिक नए साल की शुरुआत 1 जनवरी से होनी थी।
पसंद नहीं किया
लोगों को ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाने में लगा समय
ग्रेगोरियन कैलेंडर शुरू करने पर यह समस्या आई कि हर कोई इसके बारे में नहीं जानता था। वहीं, कई ऐसे थे, जो नए कैलेंडर को अनदेखा करने के लिए इसे एक बड़ा बदलाव बता रहे थे।
ये लोग मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक नए साल का जश्न मनाते रहे। इसलिए दूसरों ने उन लोगों का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। उनके ऐसा करने से 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाया जाने लगा।
अन्य कहानी
अप्रैल फूल डे मनाने की एक कहानी रोम से भी जुड़ी है
कई इतिहासकार की मानें तो अप्रैल फूल डे हिलारिया नामक रोमन त्योहार से भी जुड़ा है। इस दिन लोग तरह-तरह की भेष धारण करके मौज-मस्ती करते हैं और हिलारिया का जश्न मनाते हैं।
यही वजह है कि हम इस बारे में कभी सुनिश्चित नहीं हो सकते कि अप्रैल फूल डे मनाने के पीछे की असली वजह क्या है।
खैर, वजह चाहें जो भी अप्रैल फूल डे एक ऐसा दिन है, जब हमें आपनो के साथ हंसी-ठिठोली जमकर कर सकते हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (बोनस इंफो)
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 19वीं सदी में अंग्रेजों ने अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत की थी और पिछले कुछ सालों से इसका क्रेज बढ़ गया है। हालांकि, ध्यान रखें कि अप्रैल फूल की आड़ में किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।