रोजाना एक कप जई का दूध पीने से मिलते हैं कई लाभ, डाइट में करें शामिल
जई का दूध गाय के दूध का एक नॉन-डेयरी, लैक्टोज-मुक्त और शाकाहारी अनुकूल विकल्प है। इसे बनाने के लिए पहले जई को पानी में भिगोया जाता है। इसकी बनावट मलाईदार और स्वाद अखरोट जैसा होता है। साथ ही यह कई आवश्यक खनिजों और मिनरल्स से भरपूर होता है, इसलिए इस दूध को डाइट में शामिल करना बेहतरीन है। आइए जानते हैं कि रोजाना एक कप जई का दूध पीने से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कर सकता है कम
जई के दूध में डाइटरी फाइबर होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। कई अध्ययनों के अनुसार, पर्याप्त मात्रा में जई उत्पाद खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है और हृदय रोग का खतरा कम होता है। इसका कारण है कि यह फाइबर कोलेस्ट्रॉल चयापचय में भूमिका निभाता है और उत्सर्जन के लिए आंतों के कोलेस्ट्रॉल को हटा देता है। ओट्स में मौजूद β-ग्लूकेन आंत के माइक्रोबायोटा को भी नियंत्रित करता है।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए हो सकता है लाभदायक
जई के दूध में मौजूद कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक, विटामिन-D और अन्य खनिज हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं। यह दूध विटामिन-B12 का एक अच्छा स्रोत है, जो ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिमों को कम कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें मौजूद विटामिन-E जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट हानिकारक मुक्त कणों से बचाने के लिए जाने जाते हैं। ये गठिया के खतरे को कम करने में भी मदद करते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में है कारगर
जई का दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-D, विटामिन-E और अन्य पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, जई के दूध में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी शामिल होते हैं, जो बीमारियों के साथ त्वचा की सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकते हैं। इसलिए जई के दूध को अपनी डाइट में शामिल कर ही लें।
ब्लड शुगर के स्तर को रख सकता है नियंत्रित
जई के दूध में मौजूद डाइटरी फाइबर ब्लड शुगर और ब्लड लिपिड स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा यह भोजन के बाद ग्लूकोज और इंसुलिन प्रतिक्रियाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इसमें मौजूद β-ग्लूकन इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार कर सकता है और ग्लाइसेमिक नियंत्रण बनाए रख सकता है। इस लिहाज से यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक है।
वजन को कम करने में है कारगर
बढ़े हुए वजन को कम करने का प्रयास करने वाले लोगों के लिए जई के दूध का सेवन भी फायदेमंद है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करने के साथ-साथ वसा को कम करने का काम कर सकता है। वहीं इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड वसा को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है।