माइग्रेन से परेशान हैं तो दवाओं की जगह करें ये हस्त मुद्राएं, मिलेगी राहत
माइग्रेन की बीमारी नाड़ीतंत्र की विकृति से उत्पन्न होती है, जिसकी वजह से बार-बार सिर के आधे भाग में दर्द होने लगता है। अक्सर लोग इसके उपचार के लिए कई तरह की दवाइयां खाते हैं, लेकिन अगर आप दवाइयों की जगह कुछ हस्त मुद्राएं करेंगे तो इससे आपको माइग्रेन के दर्द से जल्द राहत मिल सकती है। आइए जानते हैं कि वे हस्त मुद्राएं कौन सी हैं, जिनके नियमित अभ्यास से आप माइग्रेन के दर्द को कम कर सकते हैं।
उनमानी मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर किसी भी अरामादायक की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने भौहों के बीच के हिस्से पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करें, जिसे तीसरी आंख के रूप में भी जाना जाता है और अपने मन से बाकी सारे विचार निकाल दें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और मुद्रा को छोड़ दें।
लिंग मुद्रा
लिंग मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को पेट के सामने लाकर हथेलियों को मिलाएं और उंगलियों को इंटरलॉक कर लें। इसके बाद अपने बाएं अंगूठे को दूसरे हाथ की तर्जनी उंगली के बगल से ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि आपका बायां अंगूठा ऊपर उठा हो और दायां अंगूठा और तर्जनी उंगली के साथ घिरा हो। इस मुद्रा में 15 मिनट तक बने रहें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें, फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
ज्ञान मुद्रा
ज्ञान मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं, फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों। इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली को अपने अंगूठे की नोक से मिलाएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।