स्वास्थ्य को सुधारने में योगदान दे सकती है समुद्री काई, सेवन से मिलते है ये फायदे
समुद्री काई को अपने खान-पान का हिस्सा बनाना एक अच्छा निर्णय हो सकता है, क्योंकि यह कई स्वास्थ्य लाभों से समृद्ध होती है। इसे आयरिश मॉस या लाल सीवीड के नाम से भी जाना जाता है। इससे निकलने वाला जेल त्वचा की देखभाल के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। यह इम्यूनिटी को मजबूत करता है और आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है। आइए जानते हैं समुद्री काई के सेवन से मिलने वाले फायदे।
थायराइड के इलाज में मददगार
समुद्री काई का सेवन थायराइड के इलाज में मदद कर सकता है। इसका उपयोग अक्सर शरीर में आयोडीन के निर्माण को बढ़ाने के लिए किया जाता है। थायराइड के उपचार के लिए शरीर में सही मात्रा में आयोडीन होना जरूरी होता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से समुद्री काई का सेवन करने से शरीर में आयोडीन बढ़ता है। थायराइड के उपचार के लिए आप ये एक्सरसाइज कर सकते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली होती है मजबूत
जब प्रतिरक्षा को मजबूत करने की बात आती है, तो समुद्री काई का सेवन फायदा पहुंचा सकता है। फ्रंटियर्स इन फिजियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि समुद्री काई शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बना सकती है। आप इसकी स्वस्थ स्मूदी बनाकर पी सकते हैं या इसके पाउडर को पानी में मिलाकर पी सकते हैं। बाजार में इसके कई तरह के सप्लीमेंट भी मिलते हैं, जिन्हें खाकर आप प्रतिरक्षा को बढ़ा सकते हैं।
पेट के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
समुद्री काई में जीवित बैक्टीरिया होते हैं, जो आंत को ठीक से काम करने में मदद कर सकते हैं। मरीन ड्रग्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, समुद्री काई में प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं, जो कई स्वास्थ लाभ प्रदान करते हैं। इसके सेवन से पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह अपने बायोएक्टिव यौगिकों के कारण मोटापे, टाइप 2 मधुमेह, चयापचय सिंड्रोम, हृदय रोग और कैंसर जैसी स्थितियों को ठीक करने में मददगार साबित हो सकती है।
ब्लड शुगर के स्टार को करती है कम
समुद्री काई ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करने में उपयोगी साबित हो सकती है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशनल साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि समुद्री काई में फ्यूकोक्सैंथिन होता है, जो एक कैरोटीनॉयड होता है। इसकी मदद से आप ब्लड शुगर के स्तर को कम करके स्वास्थ रह सकते हैं। इसमें कैरेजेनन नामक घुलनशील फाइबर होता है, जिसे रक्त प्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करने के लिए जाना जाता है।
पार्किंसंस रोग के उपचार में सहायक
समुद्री काई पार्किंसंस रोग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। पार्किंसंस रोग दिमाग की एक बीमारी है। इससे पीड़ित लोगों की याददाश्त कमजोर हो जाती है, मांसपेशियों में अकड़न आ जाती है और हांथ-पैर में झटके महसूस होते हैं। जर्नल न्यूरोसाइंस लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि समुद्री काई कारगर रूप से इस बीमारी के उपचार में सहायक साबित हो सकती है।