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भारत की एक पारंपरिक कला है तंजौर पेंटिंग, इनके बारे में जानिए खास बातें
तंजौर पेंटिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

भारत की एक पारंपरिक कला है तंजौर पेंटिंग, इनके बारे में जानिए खास बातें

लेखन अंजली
May 21, 2025
06:12 pm

क्या है खबर?

तंजौर पेंटिंग भारत की एक पारंपरिक कला है, जो मुख्य रूप से तमिलनाडु के तंजावुर शहर में विकसित हुई। इस कला में सोने की पत्तियों का उपयोग होता है, जिससे यह और भी आकर्षक बनती है। तंजौर पेंटिंग धार्मिक और सांस्कृतिक अहमियत रखती है और आज भी इसे बड़े पैमाने पर बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त ये काफी आकर्षक लगती हैं। आइए इस कला से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।

#1

तंजौर पेंटिंग की खासियत

तंजौर पेंटिंग अपनी चमकीली रंगों और सोने की पत्तियों के उपयोग के लिए जानी जाती है। इसमें हिंदू देवताओं और अन्य धार्मिक चित्र बनाए जाते हैं। इस कला को बनाने के लिए पहले लकड़ी या कपड़े पर आधार तैयार किया जाता है, फिर उस पर कई परतों में रंग और सोने की पत्तियां लगाई जाती हैं। इस प्रक्रिया में कई दिन लगते हैं और हर चरण में कुशलता की जरूरत होती है।

#2

तंजौर पेंटिंग बनाने की प्रक्रिया

तंजौर पेंटिंग बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। सबसे पहले आधार तैयार किया जाता है, फिर उस पर हल्की रेखाएं खींची जाती हैं। इसके बाद कई परतों में रंग भरे जाते हैं और अंत में सोने की पत्तियां लगाई जाती हैं। इस प्रक्रिया में कई उपकरणों का उपयोग होता है जैसे ब्रश, छड़ी आदि। हर चरण में विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है ताकि चित्र सही तरीके से बन सके।

#3

तंजौर पेंटिंग का इतिहास

तंजौर पेंटिंग का इतिहास बहुत पुराना है। इसे 16वीं सदी में विकसित किया गया था जब छोल शासकों ने इस कला को बढ़ावा दिया था। इस कला ने बाद में मराठा शासकों द्वारा भी समर्थन प्राप्त किया। तंजौर पेंटिंग मुख्य रूप से धार्मिक उद्देश्यों के लिए बनाई जाती थीं और मंदिरों में स्थापित की जाती थीं। समय के साथ इस कला ने कई शैलियों को अपनाया और आज भी इसे बड़े पैमाने पर बनाया जाता है।

#4

तंजौर पेंटिंग के प्रकार

तंजौर पेंटिंग कई प्रकार की होती हैं जैसे धार्मिक चित्रण, ऐतिहासिक दृश्य, प्राकृतिक दृश्य आदि। धार्मिक चित्रण में भगवान शिव, देवी दुर्गा, भगवान गणेश आदि शामिल होते हैं, जबकि ऐतिहासिक दृश्य में युद्ध, राजसी जीवन आदि दर्शाए जाते हैं। प्राकृतिक दृश्यों में पेड़-पौधे, पहाड़, नदियां आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा तंजौर पेंटिंग में सोने की पत्तियों का उपयोग होता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।

#5

तंजौर पेंटिंग की बढ़ती मांग

तंजौर पेंटिंग आजकल बहुत लोकप्रिय हो गई है और इसकी मांग बाजार में काफी बढ़ गई है। लोग इसे अपने घरों में सजावट के रूप में उपयोग कर रहे हैं या उपहार के रूप में दे रहे हैं। इसके अलावा कई संग्रहालयों में भी इनका प्रदर्शन किया जाता है। इस प्रकार तंजौर पेंटिंग एक अनोखी कला है, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और इसे संरक्षित करना जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सके।