तेजी से वजन बढ़ने के पीछे हो सकते हैं ये 5 प्रमुख कारण
खान-पान का ध्यान रखने के बावजूद तेजी से वजन बढ़ाने में कई तरह के कारक योगदान दे सकते हैं, जिनमें उम्र बढ़ना, चिकित्सीय स्थितियां, दवा के दुष्प्रभाव, निष्क्रिय जीवनशैली और पर्याप्त नींद न लेना शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वजन बढ़ना आमतौर पर उपभोग की गई कैलोरी की संख्या और हमारे द्वारा खर्च की जाने वाली मात्रा के बीच ऊर्जा असंतुलन के कारण होता है। आइए आज तेजी से वजन बढ़ने के कुछ कारण जानते हैं।
अवसाद और तनाव
WHO के अनुसार, वैश्विक स्तर पर सभी उम्र के लगभग 350 लाख लोग अवसाद से पीड़ित हैं। अवसाद एक वास्तविक विश्व समस्या है और कई लोगों में वजन बढ़ने का प्रमुख कारण है। इसके अलावा तनाव भी वजन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसका कारण है कि तनाव भावनात्मक रूप से खाने की लालसा को बढ़ाता है, जिससे वजन बढ़ता है। इन समस्याओं को प्रबंधित करने के लिए आप ध्यान, योग, एक्यूपंक्चर और अरोमाथेरेपी आजमा सकते हैं।
थायराइड असंतुलन
थायराइड गले की एक ग्रंथि होती है जिसका आकार तितली की तरह होता है। यह ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन हार्मोंन्स का निर्माण करती है और जब ये हार्मोंन्स असंतुलित होने लगते हैं तो हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति बनती हैं। हाइपोथायरायडिज्म के कारण वजन बढ़ता है क्योंकि इससे प्रभावित होकर मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसलिए अगर आपका वजन अचानक बढ़ गया है तो आपको तुरंत अपना थायराइड टेस्ट करवाना चाहिए।
निष्क्रिय जीवनशैली
प्रौद्योगिकी ने कई लोगों को आलसी बना दिया है। अगर सामने कंप्यूटर या टीवी हो तो शायद ही कोई इनके सामने से उठना पसंद करता होगा। यहां तक कि बच्चे भी आउटडोर गेम खेलने के बजाय प्लेस्टेशन जैसी गेम्स को पसंद करते हैं। शायद यही कारण है कि कई युवा जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इससे वजन बढ़ना आम बात है। इसका समाधान यही है कि बाहरी खेल खेलें और रोजाना कुछ मिनट व्यायाम करें।
दवा का दुष्प्रभाव
वजन का बढ़ना कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव भी हो सकता है। अवसाद, माइग्रेन, स्टेरॉयड, एलर्जी, टाइप II मधुमेह, रक्तचाप और दौरे के उपचार के लिए दवाएं अचानक वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं। इसका समाधान है कि कोई भी दवा को लेने की बजाय अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या बाजार में ऐसी अन्य दवाएं हैं, जो आपके वजन को ज्यादा प्रभावित न करें। इसके अतिरिक्त रोजाना व्यायाम करें, स्वास्थ्यवर्धक खान-पान की चीजों का सेवन करें।
मेनोपॉज
मेनोपॉज महिलाओं के शरीर में होने वाला एक प्राकृतिक बदलाव है, जो अक्सर 45 से 55 साल की उम्र में दिखाई देता है। इसमें एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से मेटाबॉलिज्म स्तर धीमा हो जाता है, जिसके कारण शरीर ऊर्जा के रूप में स्टार्च और चीनी का उपयोग करने में विफल रहता है। यह शरीर में वसा के रूप में जमा होकर वजन बढ़ने का कारण बन जाता है।