बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके
क्या है खबर?
यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक रसायन है, जो शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने के कारण बनता है।
अगर किसी कारणवश यह एसिड बढ़ने लगे तो इससे पैरों के जोड़ों में क्रिस्टल बनने लगता जो गंभीर और दर्दनाक सूजन का कारण बनता है।
आइए आज हम आपको पांच ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जिन्हें आजमाकर बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
#1
सेब के सिरके का करें इस्तेमाल
एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर सेब का सिरका शरीर में यूरिक एसिड के उच्च स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
यह वजन घटाने और सूजन को कम करने में भी मदद करता है, जो रक्त में यूरिक एसिड को कम करने में सहायता करता है।
इसमें मौजूद मैलिक एसिड भी टूटकर यूरिक एसिड को दूर करता है। लाभ के लिए दो बड़ी चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाकर रोजाना पीएं।
#2
अजवाइन से भी होगा बड़ा फायदा
ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर अजवाइन यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए किडनी को उत्तेजित करके मूत्रमार्ग के जरिए अतिरिक्त तरल पदार्थ को साफ करने में मदद करता है।
यह शरीर में सूजन को भी कम करता है और रक्त को क्षारीय बनाता है।
कई शोध के अनुसार, ये यूरिक एसिड से नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को भी कम करते हैं। लाभ के लिए आधा चम्मच सूखे अजवाइन को पानी में मिलाकर दिन में एक बार लें।
#3
चेरी का करें सेवन
चेरी में मौजूद एंथोसायनिन (एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण) यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
डाइट में चेरी को शामिल करने से गाउट के हमलों की संभावना कम हो जाती है। यह सूजन को भी कम करता है, जो यूरिक एसिड को क्रिस्टल बनने और जोड़ों में जमा होने से रोकता है। इससे गाउट हो सकता है।
यूरिक एसिड को दूर करने के लिए आप रोजाना करीब 10 चेरी खा सकते हैं।
#4
ग्रीन टी पीएं
ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स और अन्य आवश्यक एंटी-ऑक्सिडेंट यूरिक एसिड का स्तर कम कर सकते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।
यह स्वस्थ पेय जैंथिन ऑक्सीडेज की गतिविधि को रोकता है, जिससे यूरिक एसिड का उत्पादन कम हो सकता है।
ग्रीन टी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और हाइपरयूरिसीमिया को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।
#5
कॉफी भी है प्रभावी
कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और गाउट के विकास के जोखिम को रोकता है।
साल 2007 के एक अध्ययन के अनुसार, जो पुरुष रोजाना चार-पांच कप कॉफी पीते थे, उनमें गाउट विकसित होने का जोखिम 40 प्रतिशत कम था।
हालांकि, रोजाना एक-दो कप से ज्यादा कॉफी का सेवन न करें।