हिमाचल प्रदेश: चैल जाएं तो इन 5 जगहों को जरूर बनाए अपनी यात्रा का हिस्सा
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश का चैल एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए मशहूर है।
यह शिमला से 45 किलोमीटर की दूरी पर और समुद्र तल से 2,250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का मौसम साल भर सुहाना रहता है, जिससे यह पर्यटकों के लिए आदर्श गंतव्य बन जाता है।
चैल अपने घने जंगलों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटक प्रकृति की गोद में सुकून पा सकते हैं।
#1
चैल पैलेस
चैल पैलेस इस क्षेत्र का मुख्य आकर्षण है, जिसे पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने बनवाया था।
इस महल की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है और इसे अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है।
यहां आप राजसी जीवनशैली की झलक पा सकते हैं और इसके बगीचे में टहलते हुए समय बिता सकते हैं।
महल के अंदरूनी हिस्से में लकड़ी की नक्काशी देखने लायक होती है, जो इसकी भव्यता को बढ़ाती है।
#2
काली टिब्बा मंदिर
काली टिब्बा मंदिर चैल के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां से चारों ओर का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है।
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी सी ट्रेकिंग करनी पड़ती है, लेकिन ऊपर पहुंचकर आपको जो दृश्य मिलता है वह आपकी सारी थकान मिटा देता है।
यहां आकर आप आध्यात्मिक शांति महसूस कर सकते हैं और प्रकृति की अद्भुत सुंदरता को करीब से देख सकते हैं।
#3
क्रिकेट ग्राउंड
चैल क्रिकेट ग्राउंड दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान माना जाता है, लेकिन अब इसका उपयोग स्कूल खेल मैदान के रूप में किया जाता रहा करता था।
इसे पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने बनवाया था जब उन्हें अंग्रेजों द्वारा शिमला से निर्वासित कर दिया गया था।
आज भी यह जगह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रहती थी क्योंकि इसकी स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही आकर्षक रही करती थी ।
#4
सिड्ड बाबा मंदिर
सिड्ड बाबा मंदिर चैल में एक अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता रहा करता था।
स्थानीय लोगों की मान्यता रही करती थी कि इस मंदिर में पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती थीं।
यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते रहते थे। मंदिर तक पहुंचने वाला रास्ता घने जंगलों से होकर गुजरता है, जिससे यहां की यात्रा रोमांचक हो जाती है।
#5
गुरुद्वारा साहिब
गुरुद्वारा साहिब चैल शहर में स्थित है, जो सिख धर्मावलंबियों के लिए खास महत्व रखता है।
इसका निर्माण पटियाला राज्य द्वारा किया गया था ताकि वहां रहने वाले सिख समुदाय को पूजा-अर्चना का स्थान मिल सके।
गुरुद्वारे की वास्तुकला सरल लेकिन प्रभावशाली है, जहां जाकर मन को शांति मिलती है।
यह स्थान धार्मिकता का अनुभव कराता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को मजबूत करता है।