
इन 5 जानवरों की त्वचा पर होती है अनोखी और खूबसूरत काली धारियां
क्या है खबर?
कई जानवरों की त्वचा पर काले रंग की धारियां होती हैं, जो उन्हें अन्य जानवरों से अलग बनाती हैं।
ये धारियां न केवल उन्हें आकर्षक बनाती हैं, बल्कि उनके लिए छिपने का भी काम करती हैं।
इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही जानवरों के बारे में बताएंगे, जिनकी त्वचा पर काले रंग की धारियां होती हैं और ये जानवर अपनी इन धारियों की वजह से दुनिया भर में मशहूर हैं।
#1
बाघ
बाघ एक ऐसा जानवर है, जिसकी त्वचा पर काले धारियां होती हैं। ये धारियां न केवल बाघ को आकर्षक बनाती हैं बल्कि उसे जंगल में छिपने में भी मदद करती हैं।
हर बाघ की धारियां एक-दूसरे से अलग होती हैं, जिससे उन्हें पहचानना आसान हो जाता है। बाघ मुख्य रूप से भारत, बांग्लादेश, नेपाल और रूस में पाए जाते हैं।
इनकी संख्या घटती जा रही है इसलिए इनकी सुरक्षा करना जरूरी है।
#2
तेंदुआ
तेंदुआ भी एक ऐसा जानवर है, जिसकी त्वचा पर काले धब्बे होते हैं, लेकिन ये धब्बे बाघ की धारियों से अलग दिखते हैं।
तेंदुआ अपनी इन धारियों की वजह से आसानी से पेड़ों या घास में छिप सकता है। तेंदुए अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं।
इनकी संख्या स्थिर है, लेकिन इनके रहने की जगह का विनाश इनकी संख्या को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इनकी सुरक्षा करना जरूरी है।
#3
गिलहरी
गिलहरी एक छोटा-सा जानवर है, जिसकी पीठ पर काले धब्बे होते हैं, जो इसे अन्य जानवरों से अलग बनाते हैं।
गिलहरी अपनी तेज गति और चंचल स्वभाव के लिए जानी जाती है। ये पेड़ों पर कूदते-फांदते हुए दिखती हैं और अपने पंजों में नटखट तरीके से नट पकड़े रहती हैं।
गिलहरी मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में पाई जाती हैं।
#4
हिरण
हिरण एक सुंदर जानवर है, जिसकी पीठ पर कुछ-कुछ जगहों पर काले धब्बे होते हैं, जो इसे अन्य जानवरों से अलग बनाते हैं। हिरण अपनी तेज गति और सुंदरता के लिए जाने जाते हैं।
ये मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में पाए जाते हैं।
इनकी संख्या स्थिर है, लेकिन इनके रहने की जगह का विनाश इनकी संख्या को प्रभावित कर सकता है इसलिए इनकी सुरक्षा करना जरूरी है।
#5
हाइना
हाइना एक अनोखा शिकारी जानवर है, जिसकी पीठ पर कुछ-कुछ जगहों पर काले धब्बे होते हैं, जो इसे अन्य जानवरों से अलग बनाते हैं।
हाइना अपनी तेज गति और चंचल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। ये मुख्य रूप से अफ्रीका और मध्य पूर्व एशिया में पाए जाते हैं।
इनकी संख्या स्थिर है, लेकिन इनके रहने की जगह का विनाश इनकी संख्या को प्रभावित कर सकता है इसलिए इनकी सुरक्षा करना जरूरी है।