सेंट्रल विस्टा: सुरंगों के जरिए नए संसद भवन से जोड़े जाएंगे प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के आवास
क्या है खबर?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बन रहे नए संसद भवन को तीन अलग-अलग भूमिगत सुरंगों के जरिए नए प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति आवास और सांसदों के कक्षों से जोड़ा जाएगा।
इनके जरिए ये VVIP लोग आसानी से संसद आ-जा सकेंगे और अभी उनके आने-जाने से आम ट्रैफिक में जो व्यवधान होता है, उसे बेहद कम किया जा सकेगा। नई सुरंगों के जरिए प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी आसान होगा।
रिपो्र्ट
एक लेन की होंगी सुरंगें, गोल्फ कार्ट से होगी आवाजाही
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नया प्रधानमंत्री आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) साउथ ब्लॉक की तरफ होगा, वहीं नॉर्थ ब्लॉक की तरफ उपराष्ट्रपति का नया आवास बनाया जाएगा।
सांसदों के कक्ष संसद के दूसरी तरफ अभी जहां परिवहन और श्रम शक्ति भवन है, वहां बनाए जाएंगे।
इन तीनों जगहों को सुरंगों के जरिए नई संसद से जोड़ा जाएगा। ये सुरंगें एक लेन की होंगी और इनमें आवाजाही के लिए गोल्फ कार्ट का इस्तेमाल किया जाएगा।
राष्ट्रपति
राष्ट्रपति भवन तक इस कारण नहीं बनाई गई सुरंग
अखबार के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति भवन से नए संसद भवन तक ऐसी कोई सुरंग इसलिए नहीं बनाई गई है क्योंकि राष्ट्रपति भवन पास में ही है और राष्ट्रपति पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर कभी-कभी ही संसद आते हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि नई सुरंगों के बनने के बाद प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और सांसद गणतंत्र दिवस परेड जैसे अहम मौकों पर ही सार्वजनिक रास्तों को प्रयोग करेंगे। इससे आम दिनों में आम लोगों को सहूलियत होगी।
पृष्ठभूमि
क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक के चार किलोमीटर लंबे राजपथ को विकसित और संवारा जाएगा और यहां नए संसद भवन और कॉमन केंद्रीय सचिवालय समेत कई नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में नए संसद भवन की नींव रख चुके हैं और अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इस परियोजना को हरी झंडी दिखा चुका है।
निर्माण
नए संसद भवन का निर्माण 2022 तक पूरा होने की उम्मीद
विस्टा परियोजना के तहत बनाए जाने वाले नए संसद भवन का निर्माण 2022 में देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा होने की उम्मीद है।
नए संसद भवन में 1,224 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके अलावा सभी सांसदों के लिए अलग-अलग पेपर रहित कार्यालय भी बनाए जाएंगे।
पूरी योजना में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसमें 2,000 लोग प्रत्यक्ष रूप से और 9,000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से लगे हुए हैं।
मौजूदा संसद
मौजूदा संसद भवन का क्या होगा?
नए संसद भवन के निर्माण के बाद मौजूद संसद भवन को पुरातात्विक संपत्ति के रूप में संरक्षित किया जाने की योजना है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसकी पुष्टि कर चुके हैं।
बता दें कि मौजूदा संसद की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और इसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को हुआ था। इसे बनाने में तब 83 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसका डिजाइन एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा तैयार किया गया था।