पंचकूला हिंसा मामले में हनीप्रीत समेत 35 आरोपियों से हटी देशद्रोह की धारा
पंचकूला की एक अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की कथित बेटी हनीप्रीत इंसान समेत 35 लोगों से देशद्रोह के आरोप से मुक्त कर दिया है। इन लोगों पर 2017 में पंचकूला में हुई हिंसा के बाद देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, अतिरिक्त जिला और सेशल जज संजय धीर ने हनीप्रीत समेत दूसरे लोगों पर हिंसा से जुड़े मामले में IPC की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई हनीप्रीत की पेशी
बचाव पक्ष के वकील सुरेश रोहिल्ला ने कहा कि अदालत ने हनीप्रीत के खिलाफ धारा 121 और 121A की धारा को हटा दिया है। सुनवाई के दौरान हनीप्रीत और सुखविंदर कौर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई, वहीं बाकी लोग अदालत में मौजूद रहे। बता दें, हनीप्रीत और सुखविंदर दोनों अंबाला जेल में बंद हैं। पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था। उस पर राजद्रोह समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
पुलिस ने फाइल की 1,200 पन्नों की चार्जशीट
पुलिस ने शुरुआत में इस मामले में 1,200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। हनीप्रीत, सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान समेत कई लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किए थे। पुलिस हनीप्रीत समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप साबित नहीं कर पाई। गौरतलब है कि हनीप्रीत पर साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में हिंसा भड़काने के आरोप हैं।
हनीप्रीत को जमानत मिलने का रास्ता साफ
देशद्रोह की धारा हटने के बाद हनीप्रीत को जमानत मिल सकेगी। हनीप्रीत सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जमानत की याचिका लगा चुकी थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। अब उन्हें जमानत का रास्ता साफ हो गया है।
पंचकूला और सिरसा हिंसा में हुई थी 41 लोगों की मौत
गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों से रेप के मामले में सजा सुनाई गई थी। इस दौरान पंचकूला में अदालत के बाहर हिंसा भड़क गई थी। डेरा अनुयायियों ने पूरे शहर में आगजनी और तोड़फोड़ की थी। पंचकूला के अलावा सिरसा में हिंसा हुई। दोनों शहरों में हुई हिंसा में कुल 41 लोग मारे गए और 250 से अधिक घायल हो गये थे। गुरमीत राम रहीम फिलहाल रोहतक की एक जेल में अपनी सजा काट रहा है।