पंजाब: बठिंडा में किसानों ने सरकारी अधिकारी से जलवाई पराली, मुख्यमंत्री ने जताया दुख
पंजाब के बठिंडा से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां मेहमा सेरजा गांव के किसानों ने एक सरकारी अधिकारी को पराली जलाने के लिए मजबूर किया। शुक्रवार देर दोपहर लोक निर्माण विभाग की टीम गांव में पराली जलाने से रोकने के लिए गई थी। टीम के पहुंचते ही भारतीय किसान यूनियन की सिधूपुर इकाई के सदस्य एकत्र हो गए और अधिकारियों को घेर लिया। इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दुख जताया है।
किसान यूनियन ने टिप्पणी करने से किया इनकार
इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें अधिकारी किसानों से घिरे हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि ये खेत राम सिंह नाम के एक किसान का है। मौके पर मौजूद किसान यूनियन के नेता बलजीत सिंह ने घटना होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "हां, अधिकारी कल आए थे और इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है।" हालांकि, उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यहां देखिये वीडियो
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, जब PWD टीम के अधिकारी पहुंचे, तब किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। PWD अधिकारी हरप्रीत सिंह को पराली जलाने के लिए मजबूर किया। जब हरप्रीत ने विरोध किया और पराली जलाने से इनकार किया तो प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा, "आप कह सकते हैं कि किसानों ने आपको पराली जलाने के लिए मजबूर किया।" हरप्रीत को किसानों ने लिखकर देने को कहा कि वह किसानों को पराली जलाने से नहीं रोकेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
भगवंत मान ने इस मामले पर क्या कहा?
इस मामले में मुख्यमंत्री मान ने एक्स पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा, 'आप लोग ये किस राह पर चल पड़े? सरकारी कर्मचारी पराली ना जलाने का संदेश लेकर गया, उसी से आग लगवा दी। हवा को गुरु साहिब ने गुरु का दर्जा दिया है।' उन्होंने आगे लिखा, "हम इस दर्जे को बर्बाद करने के लिए अपने हाथों में तीलियां लेकर अपने बच्चों के हिस्से की ऑक्सीजन को खत्म करने में लगे हैं। पर्चा दर्ज हो रहा है।"
पुलिस ने दर्ज की FIR, यूनियन के नेताओं ने मांगी माफी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बठिंडा के डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने कहा, ''मुझे घटना की जानकारी है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस मामले में FIR दर्ज करायी जा रही है।" उन्होंने बताया, "यूनियन नेताओं ने माफी मांगी है और इस कृत्य की निंदा की है। किसान यूनियन की पूरी जिला इकाई ने मुझसे मेरे कार्यालय में मुलाकात की और अधिकारियों से माफी भी मांगी।"
पंजाब में बढ़ी पराली जलाने की घटना
पंजाब में 2 नवंबर तक 11,262 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं हैं। प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें भी अधिकारियों ने केवल 5,265 स्थानों का दौरा किया है, जिनमें से 3,375 फसल जलाने से संबंधित थीं। अकेले बठिंडा में पराली जलाने की 434 घटनाएं हुई हैं जिनमें से अधियाकरियों ने 108 स्थलों का दौरा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, बठिंडा में 81 घटनाएं फसल जलाने से संबंधित हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस कार्ड
धान की कटाई के बाद दिवाली के समय हर साल दिल्ली समेत आसपास के इलाकों का प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस दौरान हवा का बहाव भी धीमा होता है। दरअसल, इन दिनों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसान बड़े स्तर पर पराली जलाते हैं, जो प्रदूषण का बड़ा कारण है। ऐसे में राज्य सरकारें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाते हैं और किसानों को पराली न जलाने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।