आत्मनिर्भर भारत पैकेज: मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त का ऐलान किया। उन्होंने आज मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा और कारोबार से संबंधित ऐलान किए। उन्होंने मनरेगा योजना को अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया, ताकि शहरों से वापस घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सके। इस रकम से 300 करो़ड़ दिनों का काम पैदा होगा। इससे उत्पादन बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में ये बड़े ऐलान
स्वास्थ्य पर सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य बजट बढ़ाया जाएगा और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य व्यव्यस्था मजबूत करने के लिए निवेश किया जाएगा। सभी जिलों के अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए केंद्र बनाए जाएंगे। ब्लॉक स्तर पर सरकारी स्वास्थ्य लैब बनाई जाएंगीं।
शिक्षा को लेकर प्रधानमंत्री ई-विद्या कार्यक्रम समेत ये ऐलान
डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के लिए तत्काल तौर पर प्रधानमंत्री ई-विद्या कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसमें 'दीक्षा' ऐप के जरिए ई-कॉन्टेंट मुहैया करवाया जाएगा। 'वन क्लास, वन चैनल' (पहली से 12वीं) के तहत हर कक्षा के लिए एक चैनल शुरू किया जाएगा। रेडियो और कम्युनिटी रेडियो से भी पढ़ाई में मदद ली जाएगी। दिव्यांगों के लिए विशेष शिक्षा सामग्री तैयार की जाएगी। 100 टॉप यूनिवर्सिटीज को ऑनलाइन पढ़ाई की इजाजत दी गई है। मनोचिकित्सा हेल्प मनोदर्पण नाम से प्रोग्राम चलाया जाएगा।
कोरोना वायरस के कारण संकट में आई कंपनियों के लिए ये राहतें
कंपनियों के लिए राहत का ऐलान करते हुए सीतारमण ने ऐलान किया कि कोरोना वायरस की वजह से हुए कर्ज को 'डिफॉल्ट' की श्रेणी में नहीं शामिल किया जाएगा। कुटीर, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को राहत देते हुए दिवालियापन की कार्रवाई की सीमा एक लाख से एक करोड़ रुपये कर दी गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस को देखते हुए अगले एक साल के लिए दिवालियापन की नई कार्रवाईयों पर रोक लगा दी गई है।
कंपनीज एक्ट और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनस' पर ये अहम ऐलान
कंपनीज एक्ट में बदलाव करते हुए CSR रिपोर्ट में कमियों, बोर्ड रिपोर्ट्स की कमियों, फाइलिंग में चूक और AGM करने में देरी आदि से संबंधित मामलों को अपराध की सूची से हटाया जाएगा। सात कंपाउडेबल अपराधों को पूरी तरह से हटा दिया गया है, वहीं पांच को वैकल्पिक फ्रैमवर्क के अंतर्गत डाल दिया गया है। 'ईज ऑफ डूईंग बिजनस' के तहत भारत की सरकारी कंपनियों को विदेशों में अपनी सिक्योरिटी सूचीबद्ध करने की मंजूरी दी गई है।
डिफॉल्ट करने पर इन कंपनियों पर लगेगा कम जुर्माना
इसके अलावा स्टॉक एक्सचेंज पर अपने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स को सूचीबद्ध करने वाली निजी कंपनियों को सूचीबद्ध कंपनियां नहीं माना जाएगा। वहीं छोटी कंपनियों, एक व्यक्ति की कंपनियों, उत्पादन कंपनियों और स्टार्टअप्स को किसी भी तरह के डिफॉप्ट पर कम जुर्माना देना होगा।
महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़ बाकी क्षेत्रों की PSE का किया जाएगा निजीकरण
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (PSE) पर बड़ा ऐलान करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार इसे लेकर एक नई नीति बनाएगी जिसके तहत सभी क्षेत्रों को निजी कंपनियों के लिए भी खोला जाएगा। महत्वपूर्ण क्षेत्रों की एक सूची बनाई जाएगी और इन क्षेत्रों में निजी कंपनियों के साथ-साथ कम से कम एक PSE भी होगी। बाकी सभी क्षेत्रों में PSE का निजीकरण कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में PSE की संख्या एक से चार रहेगी।
अपनी GDP के पांच प्रतिशत तक कर्ज ले सकेंगे राज्य
राजस्व की कमी का सामना कर रहे राज्यों के उधार लेने की सीमा को अगले एक साल के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इससे राज्य अतिरिक्त 4.28 लाख करो़ड़ रुपये का इंतजाम कर सकेंगे। सीतारमण ने बताया कि कोरोना वायरस संकट के बावजूद राज्यों ने अभी तक अपनी सीमा की मात्र 14 प्रतिशत उधारी ली है, वहीं 86 प्रतिशत उधारी का कोई प्रयोग नहीं किया गया है।
पिछले चार दिनों में इन क्षेत्रों के लिए किए गए ऐलान
इससे पहले अपनी पहली चार प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण अन्य क्षेत्रों को लेकर ऐलान कर चुकी हैं। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कुटीर, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को तीन लाख करोड़ रुपये के लोन समेत कई ऐलान किए गए। दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवासी मजदूरों और छोटे किसानों और तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए पैकेज का ऐलान किया गया। कल चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोयला, खनिज और रक्षा उत्पादन संबंधित ऐलान किए।