आजादी के बाद पहली बार वायुसेना में बनेगी नई ऑपरेशनल ब्रांच, जानें इसमें क्या होगा
भारतीय वायुसेना ने आज चंडीगढ़ में अपना 90वां स्थापना दिवस बनाया। इस दौरान बड़ा ऐलान करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि सरकार ने वायुसेना में एक नई वेपन (हथियार) सिस्टम ब्रांच बनाने की अनुमति दे दी है। आजादी के बाद ये पहली बार है जब वायुसेना में एक नई ऑपरेशनल ब्रांच बनाई गई है। इस ब्रांच में क्या-क्या होगा और इससे वायुसेना को क्या फायदा होगा, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
नई ब्रांच में क्या-क्या होगा?
वायुसेना प्रमुख चौधरी के अनुसार, वेपन सिस्टम ब्रांच में जमीनी, हवाई और रिमोट कंट्रोल हथियारों से संबंधित विंग होंगी। ब्रांच में धरती से धरती पर मार करने वाली मिसाइलों, धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रिमोट कंट्रोल विमानों और दो या इससे अधिक इंजन वाले विमानों के हथियारों के संचालन के लिए अलग-अलग टीमें होंगी। BBC की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रांच में एक खुफिया विंग भी होगी।
नई ब्रांच से वायुसेना को कितना फायदा होगा?
वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने अपने बयान में कहा कि नई ब्रांच के बनने से उड़ान की ट्रेनिंग पर होने वाला वायुसेना का खर्च बचेगा। उन्होंने कहा कि इससे वायुसेना को लगभग 3,400 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रही वायुसेना
वायुसेना की इस साल की परेड की थीम 'एयरफोर्स: ट्रांसफॉर्मिंग फॉर फ्यूचर' है। इसका मतलब है कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए वायुसेना को बदला जा रहा है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध लड़ने के तरीके बदल गए हैं और जमीन, समुद्र और हवा के पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में भी इसका विस्तार हो गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध बीते हुए कल की मानसिकता के साथ नहीं लड़े जा सकते।
वायुसेना में अगले साल से होगी महिला अग्निवीरों की भर्ती
वायुसेना प्रमुख चौधरी ने अगले साल से वायुसेना में महिला अग्निवीरों की भर्ती किए जाने की जानकारी भी दी और कहा कि इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने ये बात ऐसे समय पर कही जब वायुसेना में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले महीने ही चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए पहली बार दो महिला पायलटों की तैनाती की गई थी। स्क्वॉड्रन लीडर पारुल भारद्वाज और स्वाति राठौड़ को यह जिम्मेदारी दी गई है।
वायुसेना के बेड़े में हो रहे बदलाव, स्वदेशी पर जोर
बता दें कि वायुसेना में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं और इसे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। 3 अक्टूबर को ही स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड वायुसेना में शामिल हुआ था। वहीं सितंबर में पुराने हो चुके मिग-21 लड़ाकू विमानों की एक स्क्वाड्रन को रिटायर किया गया था। अन्य तीन स्क्वाड्रन को भी 2025 तक रिटायर कर दिया जाएगा और इनकी जगह कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी लड़ाकू विमान शामिल होंगे।