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मध्य प्रदेश: 50,000 कर्मचारियों ने महीनों से नहीं निकाला वेतन, गड़बड़ी की आशंका
मध्य प्रदेश में बड़े वेतन घोटाले की आशंका जताई जा रही है

मध्य प्रदेश: 50,000 कर्मचारियों ने महीनों से नहीं निकाला वेतन, गड़बड़ी की आशंका

लेखन आबिद खान
Jun 06, 2025
02:48 pm

क्या है खबर?

मध्य प्रदेश में एक बड़े वेतन घोटाले को अंजाम दिए जाने की आशंका जताई जा रही है। यहां 50,000 कर्मचारियों का वेतन बीते 5-6 महीनों से नहीं निकाला गया है। इन कर्मचारियों का एम्प्लॉई कोड है, नाम हैं, इनकी मृत्यु भी नहीं हुई है और न ही ये सेवानिवृत्त हुए हैं, इसके बावजूद इनका वेतन नहीं निकला है। शुरुआत भनक लगने के बाद आयुक्त ट्रेजरी (CTA) ने खुद जांच शुरू की और कोषालय अधिकारियों (DDO) से जवाब मांगा है।

रिपोर्ट

रडार पर 6,000 से ज्यादा DDO

NDTV के मुताबिक, 40,000 नियमित और 10,000 अस्थायी कर्मचारियों का 230 करोड़ रुपये का वेतन नहीं निकला है। इस मामले में 6,000 से ज्यादा DDO अब संदेह के घेरे में हैं। चौंकाने वाली बात है कि इन कर्मचारियों के एम्प्लॉई कोड सक्रिय हैं, यानी वेतन किसी भी दिन निकाला जा सकता है। CTA भास्कर लक्षकार ने कहा, "हम नियमित रूप से जांच करते हैं। यह अंतर देखा गया है। यह जांच संभावित गड़बड़ी को रोकने की दिशा में है।"

पत्र

CTA ने DDO को लिखा पत्र

मामले को लेकर 23 मई को ट्रेजरी और अकाउंट्स विभाग के कमिश्नर भास्कर लक्षकार ने DDO को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा, "IFMIS सिस्टम में ऐसे नियमित और अस्थायी कर्मचारियों का डाटा संलग्न है, जिनका वेतन दिसंबर 2024 से नहीं निकला है। इनके कोड सक्रिय हैं लेकिन मृत्यु या सेवानिवृत्ति तिथि की IFMIS में प्रविष्टि नहीं हुई है और पोर्टल पर एक्जिट प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। फिर भी वेतन नहीं निकाला जा रहा है।"

जवाब

विभागों से 15 दिन में मांगा गया जवाब

राज्य के सभी DDO से इस बात की पुष्टि करने को कहा गया है कि उनके कार्यालय में कोई अनधिकृत कर्मचारी काम नहीं कर रहा है। एक वित्त अधिकारी ने NDTV से कहा, "अगर वेतन 6 महीने से नहीं निकला और एक्जिट प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है, तो ये शक पैदा करता है। हर विभाग के पास 15 दिन जवाब देने के लिए हैं। कौन सूची में है, कौन काम पर है और कौन सिर्फ वेतन में है।"

वित्त मंत्री

मामले पर वित्त मंत्री का क्या कहना है?

NDTV ने मामले पर मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से बात करना चाही तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, "जो भी प्रक्रिया होती है, नियमों के अनुसार होती है।" सवाल "क्या ये कोई बड़ा घोटाला हो सकता है?" के जवाब में मंत्री ने कहा, "जो होगा, नियम के अनुसार होगा। ठीक है।" इस दौरान देवड़ा घबराए हुए नजर आए और कैमरे की तरफ देखे बिना चले गए।