राजस्थान के जैसलमेर में तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, पायलट बचा
राजस्थान में आज मंगलवार को हल्का लड़ाकू विमान (LCA) तेजस दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ये विमान जैसलमेर में एक छात्रावास के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, ये विमान प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हादसे का शिकार हुआ। अच्छी बात ये रही कि पायलट सभी समय पर सुरक्षित निकलने में कामयाब रहा। हादसा क्यों हुआ, अभी इसकी वजह सामने नहीं आई है। वजह जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।
छात्रावास के मैदान में गिरा विमान
तेजस लड़ाकू विमान एक छात्रावास के मैदान में गिरा और इसमें आग लग गई। घटनास्थल से आए वीडियो में बचावकर्मियों को विमान में लगी आग को बुझाते हुए देखा जा सकता है। एक चश्मदीद ने बताया, "मैं पास ही खड़ा था। विमान का पायलट निकल गया और मैंने एक पैराशूट खुलते देखा। विमान जमीन से टकराया और एक तेज धमाका हुआ।" पोखरण में सैन्य अभ्यास चल रहा है। विमान का इससे संबंध हैं या नहीं, ये स्पष्ट नहीं है।
देखें दुर्घटनाग्रस्त विमान का वीडियो
पहली बार दुर्घटना का शिकार हुआ तेजस विमान
LCA तेजस को 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और ये पहली बार है जब ये विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। इसने 2001 में पहली बार उड़ान भरी थी और तब से ये पहला हादसा है। इस बीच वायुसेना के अन्य विमान दुर्घटना का शिकार हुए हैं। इनमें अधिकतर मिग श्रेणी के विमान रहे। आखिरी बार मई, 2023 में राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर पर गिरा, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई।
क्या है तेजस विमान का खासियत?
तेजस एक चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है और एक और 2 सीटों के 2 अलग-अलग प्रारूपों में आता है। ये 1,980 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसमें 8 अलग-अलग तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं। इसमें एंटी-शिप मिसाइल लगी हैं। भविष्य में इसमें और आधुनिक मिसाइलें लगाई जाएंगी। तेजस अपने छोटे आकार के कारण रडार सिस्टम को चकमा देने की काबिलियत भी रखता है। इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है।
वायुसेना के पास कितने तेजस विमान?
बता दें कि अभी भारतीय वायुसेना के पास 30 से अधिक तेजस लड़ाकू विमान हैं, जिनमें मार्क-1 और मार्क-1A वर्जन शामिल हैं। मार्क-1A विमान मार्क-1 विमानों से थोड़े बेहतर हैं। इसके अलावा वायुसेना ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 तेजस मार्क-1A का ऑर्डर भी दिया है। उसको 97 तेजस MK-1A विमान का ऑर्डर देने की अनुमति भी मिल गई है। इस तरीके से वायुसेना के पास लगभग 220 तेजस लड़ाकू विमान हो जाएंगे।