नेपाल में सिख का हुलिया बनाकर ढाबा चला रहा था नक्सली दिनेश गोप, ऐसे चढ़ा हत्थे
क्या है खबर?
नेपाल से गिरफ्तार किए गए इनामी नक्सली दिनेश गोप ने पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
बतौर रिपोर्ट्स, गोप पिछले 13 महीनों से नेपाल में एक ढाबा चला रहा था और उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए पगड़ी पहनकर एक सिख व्यक्ति का हुलिया बना रखा था।
गोप प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) का प्रमुख है और उसके खिलाफ 3 राज्यों में 100 से अधिक केस दर्ज हैं।
मामला
पिछले साल फरवरी में नेपाल भाग गया था गोप
बता दें कि गोप पिछले साल 3 फरवरी को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में PLFI और सुरक्षाबलों के बीच हुई एक मुठभेड़ के दौरान मौके से फरार होने में कामयाब रहा था।
गोप मुठभेड़ के बाद बिहार के रास्ते नेपाल भाग गया और बिराटनगर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक ढाबा चलाना शुरू कर दिया।
वह तब से वांछित था और झारखंड पुलिस ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
मामला
गोप नियमित तौर पर तोड़ देता था अपने मोबाइल और सिम कार्ड
NDTV के मुताबिक, गोप बिहार, ओडिशा और झारखंड में अपने संगठन के क्षेत्रीय कमांडरों से बातचीत करने के बाद हर बार अपने मोबाइल फोन और सिम कार्ड तोड़ देता था।
हालांकि, इस साल की शुरुआत में गोप ने अपने निजी मोबाइल नंबर के जरिए बात की थी, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नेपाल में उसके ठिकाने के बारे में पता चला।
NIA काफी समय से गोप की तलाश कर रही थी।
मामला
गोप के संगठन ने की थी 120 करोड़ रुपये की वसूली- रिपोर्ट
बतौर रिपोर्ट्स, गोप ने पूछताछ के दौरान NIA के अधिकारियों को बताया कि उसके संगठन ने एक साल के अंदर करीब 120 करोड़ रुपये की वसूली की थी।
उस पर व्यापारियों और ठेकेदारों से जबरन रुपये वसूलने का आरोप है, जिनका इस्तेमाल AK-47 जैसे आधुनिक हथियारों की खरीद के लिए किया गया।
गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा में हत्या, अपहरण और लूटपाट समेत 100 से अधिक मामले दर्ज हैं।
संगठन
झारखंड में कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है PLFI
PLFI को पहले झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (JLT) के रूप में जाना जाता था। यह नक्सली संगठन झारखंड में कई हत्याओं समेत सैंकड़ों आपराधिक घटनाओं घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।
मुख्य रूप से झारखंड और बिहार में सक्रिय यह संगठन बेरोजगार युवकों को बाइक, मोबाइल फोन और रुपये का लालच देकर अपने साथ शामिल करता था।
इसके बाद PLFI युवकों को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए प्रशिक्षण देकर घातक हथियार मुहैया करवाता था।