NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / भड़काऊ बयानबाजी का समर्थन कर रहे हैं सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेता- पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज
    अगली खबर
    भड़काऊ बयानबाजी का समर्थन कर रहे हैं सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेता- पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज
    रिटायर जस्टिस रोहिंटन नरीमन (तस्वीर- बार एंड बेंच)

    भड़काऊ बयानबाजी का समर्थन कर रहे हैं सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेता- पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज

    लेखन मुकुल तोमर
    Jan 19, 2022
    02:02 pm

    क्या है खबर?

    देशभर में भड़काऊ बयानबाजी के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के सर्वोच्च नेता न केवल इस मुद्दे पर शांत है, बल्कि इन हरकतों का लगभग समर्थन कर रहे हैं।

    उन्होंने सुझाव दिया कि संसद भड़काऊ बयानबाजी से संबंधित कानूनों को संशोधित करते हुए इन्हें मजबूत करे।

    उन्होंने राजद्रोह के कानून को खत्म करने की मांग भी की।

    बयान

    सरकार की आलोचना करने वालों पर राजद्रोह, भड़काऊ बयानबाजी पर कोई कार्रवाई नहीं- जस्टिस नरीमन

    मुंबई में एक लॉ स्कूल के उद्घाटन के बाद दिए गए अपने संबोधन में जस्टिस नरीमन ने कहा, "हम देख रहे हैं कि छात्र, कॉमेडियन और ऐसे ही युवा लोगों के खिलाफ मौजूदा सरकार की आलोचना करने के लिए राजद्रोह जैसे कानूनों में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। दूसरी तरफ भड़काऊ बयान देने वालों, नरसंहार करने का आह्वान करने वाले लोग हैं, लेकिन अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।"

    सवाल

    जस्टिस नरीमन ने सत्ताधारियों की चुप्पी और कानून पर भी उठाए सवाल

    जस्टिस नरीमन ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेता न केवल भड़काऊ बयानबाजी पर चुप हैं, बल्कि इसे लगभग समर्थन देते हुए भी नजर आ रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि भड़काऊ बयानबाजी के मामले में तीन साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता क्योंकि किसी भी न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं किया गया है।

    उन्होंने इस कानून को मजबूत करने के लिए संसद से न्यूनतम सजा तय करने को कहा।

    बयान

    जस्टिस नरीमन बोले- राजद्रोह के कानून को खत्म करने का समय आ गया है

    राजद्रोह के कानून को औपनिवेशक और असंवैधानिक बताते हुए जस्टिस नरीमन ने कहा, "राजद्रोह के कानून को पूरी तरह खत्म करने और हिंसा के लिए न उकसाने तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अनुमति देने का समय आ गया है।"

    प्रशंसा

    जस्टिस ने भड़काऊ बयानबाजी के खिलाफ बयान के लिए की उपराष्ट्रपति की प्रशंसा

    जस्टिस नरीमन ने अपने संबोधन में भड़काऊ भाषणों के खिलाफ बयान के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की प्रशंसा भी की और कहा कि ये देखना सुखद था कि देश के उपराष्ट्रपति ने भड़काऊ बयानबाजी को असंवैधानिक बताया, भले ही देर से ही सही।

    तिरुवनंतपुरम में दिए गए अपने बयान में नायडू ने कहा था कि भड़काऊ बयानबाजी संवैधानिक अधिकारों और लोकाचार के खिलाफ हैं और देश में हर व्यक्ति को अपने धार्मिक विचारों को मानने का अधिकार है।

    भड़काऊ बयानबाजी

    देश में बढ़े हैं भड़काऊ बयानबाजी के मामले

    बता दें कि हालिया समय में देश में भड़काऊ बयानबाजी के मामले काफी बढ़े हैं।

    हरिद्वार में हुई एक 'धर्म संसद' में तो खुलेआम संतों ने मुस्लिम समुदाय के नरसंहार के भाषण दिए थे और लोगों से हथियार उठाने का आह्वान किया था।

    इस मामले पर कई दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

    राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे कुछ कार्यक्रम हुए हैं।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    राजद्रोह का कानून

    ताज़ा खबरें

    IPL 2025: सूर्यकुमार यादव ने जड़ा अर्धशतक, लगातार 13वीं टी-20 पारी में 25+ रन बनाए IPL 2025
    सनी देओल अब OTT पर करेंगे राज, नेटफ्लिक्स पर लाएंगे इस हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित कहानी सनी देओल
    राणा दग्गुबाती की 'राणा नायडू 2' का टीजर जारी, जानिए कब और कहां देख पाएंगे  राणा दग्गुबाती
    स्पेस स्टेशन पर रोजाना किन जरुरी स्वास्थ्य जांचों से गुजरते हैं अंतरिक्ष यात्री? अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन

    राजद्रोह का कानून

    क्या है अंग्रेजों के जमाने का राजद्रोह कानून जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल? सुप्रीम कोर्ट
    उत्तर प्रदेश: पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले लोगों के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मुकदमा योगी आदित्यनाथ
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025