पूर्व सांसदों को एक हफ्ते में खाली करने होंगे सरकारी आवास, काटा जाएगा बिजली-पानी का कनेक्शन
क्या है खबर?
चुनाव हारने के बाद भी सरकारी बंगलो में रुके पूर्व सांसदों पर अब सरकार की टेढ़ी नजर है।
सरकार ने सभी पूर्व सांसदों को सरकारी आवास खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
साथ ही अधिकारियों को तीन दिन बाद ऐसे घरों की बिजली और पानी की सप्लाई रोकने के आदेश दिए हैं।
कई पूर्व सांसद चुनाव हारने के बाद भी सरकारी आवासों में टिके रहते हैं, जिससे नए सांसदों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
नियम
घर खाली करने के लिए होता है एक महीने का वक्त
नई लोकसभा के गठन को काफी समय हो चुका है।
अब भी कई पूर्व सासंद दिल्ली के पॉश इलाके में बने सरकारी घरों में रुके हुए हैं, जबकि नियम यह है कि ऐसे सांसदों को लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर घर खाली करना होता है।
16वीं लोकसभा 25 मई को भंग हुई थी और चुनाव हारने वाले सांसदों के पास 25 जून तक घर खाली करने का वक्त था।
मौजूदा स्थिति
अभी तक 200 पूर्व सांसदों ने खाली नहीं किए घर
लोकसभा की आवास समिति ने यह फैसला लिया है। समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा, "आवास समिति की आज हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि तीन दिनों के अंदर ऐसे बंगलों के बिजली, पानी और गैस कनेक्शनों को काट दिया जाएगा और पूर्व सांसदों से एक हफ्ते के अंदर आवासों को खाली करने को कहा गया है।"
अभी तक लगभग 200 ऐसे पूर्व सांसद हैं, जिन्होंने सरकारी घर खाली नहीं किए हैं।
नए सांसद
गेस्ट हाउस में रुकने को मजबूर हैं नए सांसद
सरकारी आवास खाली नहीं होने के चलते नए सांसदों को गेस्ट हाउस में रुकना पड़ रहा है।
इस बार लोकसभा में 260 सांसद पहली बार चुनकर आए हैं। अभी तक यह व्यवस्था होती थी कि जिन सांसदों को सरकारी घर नहीं मिलते, उन्हें पांच सितारा होटल में ठहराया जाता था, लेकिन अब यह व्यवस्था बदल दी गई है।
अब ये सांसद अलग-अलग गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं और वहीं से अपना कामकाज चला रहे हैं।