NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / #MeToo: कोर्ट ने एमजे अकबर के मानहानि के दावे को किया खारिज, प्रिया रमानी हुई बरी
    अगली खबर
    #MeToo: कोर्ट ने एमजे अकबर के मानहानि के दावे को किया खारिज, प्रिया रमानी हुई बरी

    #MeToo: कोर्ट ने एमजे अकबर के मानहानि के दावे को किया खारिज, प्रिया रमानी हुई बरी

    लेखन भारत शर्मा
    Feb 17, 2021
    05:01 pm

    क्या है खबर?

    दिल्ली की एक अदालत ने #MeToo मामले में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के दावे को खारिज कर दिया है।

    इसके साथ ही पत्रकार प्रिया रमानी को भी मामले से बरी कर दिया है। कोर्ट का यह फैसला एमजे अकबर के लिए बड़ा झटका है। कोर्ट में मामले में गत 1 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

    प्रकरण

    #MeToo अभियान के तहत रमानी ने अकबर पर लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप

    बता दें कि साल 2018 में यौन उत्पीड़न के खिलाफ चले #Metoo अभियान के तहत पत्रकार रमानी ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

    उन्होंने साल 2017 में वोग के लिए लिखे गए एक लेख में कहा था कि उन्हें नौकरी के साक्षात्कार के दौरान पूर्व बॉस द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा था।

    एक साल बाद अभियान के तहत उन्होंने खुलासा किया था कि वह साक्षात्कार लेने वाले बॉस एमजे अकबर ही थे।

    आरोप

    20 महिलाओं ने लगाए थे अकबर पर आरोप

    #Metoo अभियान के तहत रमानी द्वारा अकबर पर आरोप लगाने के बाद करीब 20 महिलाओं ने पत्रकार के तौर पर अकबर के नीचे काम करने के दौरान उनके द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के आरोप लगाए थे।

    हालांकि, 15 अक्तूबर, 2018 को अकबर ने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। इसके दो दिन बाद यानी 17 अक्तूबर, 2018 को उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे दिया था।

    सुनवाई

    कोर्ट ने गत 1 फरवरी को सुरक्षित रख लिया था फैसला

    मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने 1 फरवरी को मामले में अपना फैसला 10 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 10 फरवरी को भी फैसले को टाल दिया था।

    बुधवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पीड़िता को कई सालों तक यह पता नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है। ऐसे में उसने अपराध का अहसास होने पर उसके खिलाफ आवाज उठाई है।

    दलील

    महिलाओं को सालों बाद भी शिकायत करने का है हक- कोर्ट

    इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, "यौन शोषण आत्मसम्मान और आत्मसम्मान को पूरी तरह से खत्म कर देता है। किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की कीमत पर नहीं की जा सकती है।"

    कोर्ट ने आगे कहा, "एक महिला को सालों बाद भी शिकायत करने का हक है। एक ऐसा शख्स जिसकी सामाजिक प्रतिष्ठा अच्छी हो, वह भी किसी का यौन उत्पीड़न करने वाला भी हो सकता है।"

    तर्क

    यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की नहीं दी जा सकती सजा- कोर्ट

    कोर्ट ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 21 और समानता का अधिकार दिया गया है। ऐसे में रमानी को अपनी पसंद के किसी भी मंच में अपना मामला उजागर करने का पूरा अधिकार है।

    कोर्ट ने यौन शोषण के शिकार लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए कहा कि यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की सजा नहीं दी जा सकती है। समाज को यौन शोषण और उसके पीड़ितों पर उत्पीड़न के प्रभाव को समझना चाहिए।

    दलील

    मामले में पक्ष और विपक्ष ने दी यह दलील

    मामले की सुनवाई के दौरान अकबर की वकील गीता लूथरा ने दलील दी थी कि यह मामला यौन उत्पीड़न का नहीं होकर अकबर की प्रतिष्ठा का है।

    इसके जवाब में प्रिया की वकील रबेका जॉन ने कहा था कि कोई व्यक्ति किसी महिला का यौन उत्पीड़न करने के बाद उच्च प्रतिष्ठा वाला कैसे हो सकता है। सिर्फ किताबें लिख देने से ही कोई व्यक्ति उच्च प्रतिष्ठा वाला नहीं हो सकता है। उसके लिए उच्च स्तरीय आचरण भी जरूरी है।

    जानकारी

    अकबर ने रमानी पर लगाए थे सुबूत नष्ट करने के आरोप

    बता दें कि अकबर ने पिछले महीने सुनवाई के दौरान अपने वकील जरिए रमानी पर सुबूत नष्ट करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि रमानी ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्वक अपने टि्वटर अकाउंट में उपलब्ध सुबूतों को डिलीट कर दिया था।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    #MeToo

    ताज़ा खबरें

    दीपिका पादुकोण रातों-रात इन बड़ी फिल्मों से हुईं बाहर, सलमान खान की तो 4 फिल्में छोड़ी दीपिका पादुकोण
    इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पर लगाने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान इलेक्ट्रिक वाहन
    राजकुमार राव ला रहे एक और कॉमेडी फिल्म, बने शूजीत सरकार की अगली फिल्म के हीरो राजकुमार राव
    इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे: बेन डकेट ने टेस्ट में लगाया अपना 5वां शतक, जानिए उनके आंकड़े इंग्लैंड क्रिकेट टीम

    #MeToo

    #Alvida2018: 2018 में नेताओं केे महिलाओं केे खिलाफ शर्मनाक बयान, काश 2019 में ऐसा न हो राजनीति
    इस साल #MeToo सहित इन बड़े विवादों के कारण चर्चा में रहा बॉलीवुड दीपिका पादुकोण
    #MeToo पर बोलीं अरुणा ईरानी, कहा- सिर्फ मर्द या औरत नहीं बल्कि दोनों होते हैं जिम्मेदार बॉलीवुड समाचार
    #MeToo: टी-सीरीज़ के मालिक भूषण कुमार के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज बॉलीवुड समाचार
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025