मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सेवानिवृत्त, विदाई भाषण में विपक्ष के "भ्रामक बयानबाजी" पर निशाना
क्या है खबर?
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया। अपनी सेवानिवृत्त पर आयोजित विदाई समारोह में उन्होंने दबी जुबान से विपक्ष पर निशाना साधा।
इंडिया टुडे के मुताबिक, चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान या मतगणना के प्रमुख घंटों के दौरान भ्रामक बयानबाजी का चलन बढ़ रहा है, जो तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और मतदाताओं को गुमराह करने के लिए जानबूझकर की गई एक कोशिश है।
बयान
आगे क्या बोले चुनाव आयुक्त?
चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि प्रक्रिया में सक्रिय और पूर्ण भागीदारी के बाद परिणामों पर संदेह व्यक्त करना अवांछनीय है। हालांकि, आयोग संवैधानिक संयम बरतता है, लेकिन परिपक्व लोकतंत्र के हित में ऐसी चालों से बचना बेहतर है।
उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ मतदानकर्मियों की प्रतिबद्धता स्वतंत्र-निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करती है, जिससे प्रणाली में जनता का विश्वास मजबूत होता है।
संस्थाओं पर प्रेरित और अपुष्ट हमले उनके विश्वास को हिला नहीं पाएंगे, ये 75 वर्षों की विरासत है।
विवाद
राजीव कुमार के बयान के क्या है मायने?
CEC राजीव कुमार के अपने सेवानिवृत्ति के दिन इस तरह का बयान सीधे तौर पर विपक्ष पर हमला है, जो चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ भाजपा पर पक्ष लेने का आरोप लगाता रहा है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में अनियमितताओं, EVM से छेड़छाड़, मतदान में गड़बड़ी, चुनाव पूर्व कार्यवाही में भेदभाव और इसी तरह के अन्य मामलों में आवश्यक कदम नहीं उठा रहा है।
राजीव कुमार कई बार इस पर सफाई दे चुके हैं।
कार्यकाल
कैसा रहा राजीव कुमार का कार्यकाल?
CEC राजीव कुमार ने मई 2022 में यह पद संभाला था। उसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 और जम्मू-कश्मीर में एक दशक से अधिक समय में हुए पहले विधानसभा चुनावों की देखरेख की है।
उन्होंने 2022 में राष्ट्रपति चुनाव कराए और 2023 में कर्नाटक और तेलंगाना चुनावों की देखरेख की, जिसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की।
इसी तरह, उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनाव भी कराए हैं। दिल्ली चुनाव उनका आखिरी चुनाव रहा है।
नियुक्ति
कौन बनेगा अगला CEC?
नए CEC की नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय समिति की बैठक सोमवार को बुलाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल होंगे।
बैठक CEC और चुनाव आयुक्तों के चयन को नियंत्रित करने वाले नए कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई से एक दिन पहले तय है।
नए CEC बिहार के विधानसभा चुनाव और 2026 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल चुनाव करवाएंगे।