तिरूपति मंदिर ने लड्डू विवाद के बीच घी की गुणवत्ता जांचने के लिए समिति गठित की
आंध्र प्रदेश के तिरूपति मंदिर में भक्तों के प्रसादम (लड्डू) में जानवर की चर्बी मिले होने की रिपोर्ट सामने आने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने घी की गुणवत्ता की जांच के लिए 4 सदस्यीय समिति गठित की है। TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि समिति में डेयरी विशेषज्ञ सुरेंद्रनाथ, विजय भास्कर रेड्डी, स्वर्णलता और महादेवन शामिल हैं, जो एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी।
गंभीर कार्रवाई की चेतावनी
राव ने बताया कि समिति न केवल गुणवत्ता की जांच करेगी बल्कि निविदाओं में गुणवत्तापूर्ण घी की खरीद के लिए शामिल की जाने वाली शर्तों पर भी सलाह देगी। राव ने कहा कि घी आपूर्तिकर्ताओं को TTD को केवल गुणवत्तायुक्त घी आपूर्ति करने का निर्देश था और जिन कंपनियों को मिलावटी घी आपूर्ति करते हुए पाया गया था, उन्हें काली सूची में डालने के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि मिलावटी घी आपूर्तिकर्ता को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
गुजरात की रिपोर्ट से मची है खलबली
गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के एक अंग, पशुधन और आहार विश्लेषण तथा अध्ययन केंद्र (CALF) की रिपोर्ट में सामने आया कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी के नमूनों में विदेशी वसा शामिल थी। इसमें पाम ऑयल, मछली का तेल, बीफ टैलो और लार्ड (सूअर के वसा ऊतक को निकालकर प्राप्त की गई चिकनाई) शामिल थी। रिपोर्ट की प्रति सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने साझा की।
प्रदेश में मचा है राजनीतिक घमासान
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पहले तिरूपति मंदिर के प्रसादम में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के नेतृत्व में YSR कांग्रेस पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था और प्रसादम की गुणवत्ता से समझौता करने का आरोप लगाया था। YSR कांग्रेस पार्टी ने सभी आरोपों को झूठ बताया है और TTD के पूर्व अध्यक्ष और YSR नेता ने कसम खाने की बात कही है।