कन्नड़ समर्थक समूहों ने बेंगलुरु में किया विरोध प्रदर्शन, अंग्रेजी बोर्ड तोड़े; जानें मामला
कर्नाटक में भाषा विवाद एक बार फिर से भड़क उठा है। बुधवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों ने बेंगलुरू की सड़कों पर उतरकर न केवल विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि अंग्रेजी में लिखे दुकानों के बोर्ड को भी नुकसान पहुंचाया। इस प्रदर्शन से जुड़े वीडियो भी सामने आए हैं। बता दें कि बेंगलुरु में व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने यह आदेश दिया है कि फरवरी के अंत तक उनके साइनबोर्ड 60 प्रतिशत कन्नड भाषा में होने चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेजी बोर्ड तोड़े
बुधवार को कन्नड समर्थक संगठनों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सदाहल्ली टोल प्लाजा से बेंगलुरु शहर में प्रवेश किया और 60 प्रतिशत साइनबोर्ड कन्नड़ भाषा में लगाने की तत्काल मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर सैलून समेत कई दुकानों को निशाना बनाया। इससे जुड़े वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें प्रदर्शनकारी अंग्रेजी साइनबोर्ड को तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेजी बोर्ड पर कला रंग पोत दिया।
यहां देखें वीडियो
KRV ने दी धमकी, कई प्रदर्शनकारी हिरासत में
कर्नाटक रक्षणा वेदिके (KRV) अध्यक्ष टी ए नारायण गौड़ा ने कहा, "मैंने कल रात मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से बात की। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी। अगर वे हमें गिरफ्तार करते हैं या आंदोलन रोकते हैं, तो बेंगलुरु में किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए पुलिस जिम्मेदार होगी।" पुलिस ने नारायण गौड़ा सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने नारायण गौड़ा सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।
सुरक्षा सख्त, व्यापारियों से मांगा गया सहयोग
शहर के मुख्य इलाके में प्रदर्शनकारियों को घुसने से रोकने के लिए टोल प्लाजा के पास पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बैरिकेड्स लगाए गए हैं। चिकपेट उपमंडल के पुलिस अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र में व्यापारियों से सहयोग मांगने के लिए एक बैठक की। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि अगर व्यापारी 60 प्रतिशत साइनबोर्ड कन्नड़ में वाले नेमबोर्ड लगाते हैं तो वे बिना किसी बाधा के अपना कारोबार चला सकते हैं।
BBMP ने क्या दिए थे आदेश?
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के मुख्य आयुक्त तुषार ने KRV संगठन के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक में BBMP ने 28 फरवरी से पहले बेंगलुरू में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा वाले साइनबोर्ड लगाने के आदेश दिए थे। यदि नागरिक निकाय के अधिकार क्षेत्र में व्यापारिक प्रतिष्ठान आदेश का पालन करने में विफल रहे तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और दुकान के मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
BBMP और पुलिस विभाग ने दिया था आश्वासन
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में हिस्सा लेने वाले एक व्यापारी ने बताया कि BBMP और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने हितधारकों को आश्वासन दिया कि 28 फरवरी तक कोई उन्हें परेशान नहीं करेगा। व्यापारी समुदाय व्यापारियों के बीच जागरूकता फैला रहा है और उनसे बदलाव का अनुरोध कर रहा है। उसने कहा, "हम व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजकर जागरूकता फैला रहे हैं। हम निर्देश का पालन करने के लिए तैयार हैं।"
सिद्धारमैया के बयान के बाद शुरू हुआ था भाषा विवाद
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अक्टूबर में कहा था, "हम सभी कन्नड़ हैं और सभी को कन्नड़ बोलना आना चाहिए। कर्नाटक में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलना भी सीखना चाहिए।" उन्होंने तब कहा था कि तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल या उत्तर प्रदेश में केवल कन्नड़ बोलकर गुजारा नहीं किया जा सकता, लेकिन अगर कन्नड नहीं बोलते, तब भी कर्नाटक में आपका गुजारा हो सकता है। इस बयान के बाद भाषा विवाद फिर से केंद्र में आ गया था।