'गोल्डन एरो' स्क्वॉड्रन उड़ाएगी राफेल विमान, कारगिल में पाकिस्तान के छुड़ाए थे छक्के
गुरुवार को जुलाई महीने में भारत पहुंचे राफेल विमानों को औपचारिक रूप से 'गोल्डन एरो' में शामिल किया गया है। अब गोल्डन एरो में शामिल पायलट ही इन विमानों में उड़ान भरेंगे। इस स्क्वॉड्रन की शुरुआत 1951 से हुई थी। साल 2016 में मिग-21 विमानों के संचालन से बाहर होने के साथ ही यह स्क्वॉड्रन भी भंग कर दी गई थी। 2019 में इसे फिर से तैयार किया और अब इसमें पांच राफेल शामिल किए गए हैं।
इन मुख्य अभियानों में शामिल रही है गोल्डन एरो
अगर गोल्डन एरो के मुख्य अभियानों की बात करें तो इसका पहला ऐसा अभियान 1961 में गोवा की आजादी के दौरान था। इसके बाद इस स्क्वॉड्रन ने 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1971 में लोंगेवाला की जंग, 1999 में करगिल युद्ध के दौरान अपनी वीरता का परिचय दिया। करगिल युद्ध में दिखाई गई बहादुरी के कारण इस स्क्वॉड्रन को वायुसेना की तरफ से सर्वाधिक वीरता सम्मान दिए गए थे। गोल्डन एरो ने हर मौके पर दुश्मन के दांत खट्टे किए हैं।
गोल्डन एरो से जुड़े थे पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ
करगिल युद्ध के दौरान इसी स्क्वॉड्रन के स्कॉड्रन लीडर अजय आहूजा दुश्मन के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए थे। मरणोपरांत उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उनके अलावा पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ भी इसी गोल्डन एरो से संबंध रखते थे। करगिल युद्ध के दौरान वो इस स्क्वॉड्रन में विंग कमांडर थे। युद्ध में वीरता दिखाने पर उन्हें युद्ध सेवा मेडल, स्क्वाड्रन लीडर ए चौधरी और फ्लाइट लेफ्टिनेंट आरएस धालीवाल को वायुसेना मेडल से सम्मानित किया गया था।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट डीएल स्पिंगगिट थे पहले मुखिया
1951 में जब गोल्डन एरो की शुरुआत हुई तब फ्लाइट लेफ्टिनेंट डीएल स्पिंगगिट इसके पहले मुखिया थे। पहले यह भठिंडा एयरबेस से संचालित होती थी, लेकिन 2106 में इसे अंबाला स्थानांतरित कर दिया गया।
ये विमान उड़ा चुकी है गोल्डन एरो
अपनी शुरुआत से लेकर अंत तक इस स्क्वॉड्रन ने कई ऐतिहासिक विमान उड़ाए हैं। सबसे पहले 1951-55 के बीच स्क्वॉड्रन के पास हार्वर्ड-II B विमान था। इसके बाद 1955-57 के इसने डी हैविलैंड वैंपायर, 1957 से 1975 तक हॉकर हंटर और 1975 से लेकर 2016 तक मिग-21 विमान उड़ाए थे। मिग-21 को संचालन से बाहर किए जाने के साथ ही इस स्क्वॉड्रन को खत्म कर दिया था। अब इसकी दोबारा शुरुआत हुई है और यह आधुनिक राफेल लड़ाकू विमान उड़ाएगी।
ये पायलट भारत लेकर आए राफेल लड़ाकू विमान
भारत में राफेल लड़ाकू विमान लाने वाले पायलटों में 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह, विंग कमांडर एमके सिंह, ग्रुप कैप्टन रोहित कटारिया, विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी, विंग कमांडर मनीष सिंह और विंग कमांडर अरुण कुमार शामिल हैं। इन पायलटों ने 27 जुलाई को राफेल विमानों में फ्रांस से उड़ान भरी थी। रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात के अल धाफरा एयरबेस पर रुकने के बाद ये 29 जुलाई को अंबाला पहुंचे थे।