लिंगभेद के कारण 85 प्रतिशत महिलाओं को नहीं मिली वेतन वृद्धि और पदोन्नति- लिंक्डइन सर्वे
क्या है खबर?
दुनियाभर में आगामी 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले महिला की स्थिति को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। भारत में आज भी महिलाओं के लिए समानता की राह बड़ी चुनौती बनी हुई है।
ऑनलाइन पेशेवर नेटवर्क लिंक्डइन अपॉर्च्युनिटी इंडेक्स, 2021 की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत की 10 में से नौ यानी 89 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं कोरोना महामारी की वजह से अधिक दबाव महसूस कर रहीं हैं।
सर्वे
बाजार अनुसंधान फर्म GKF ने किया था सर्वे
लिंक्डइन ऑपर्चुनिटी इंडेक्स रिसर्च का संचालन बाजार अनुसंधान फर्म GKF ने किया था। इस सर्वे में 18 से 65 साल के महिला और पुरुषों को शामिल किया गया था।
ऑनलाइन आधार पर किए गए सर्वे में ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर से एशिया प्रशांत क्षेत्र में 10,000 से अधिक महिला-पुरुषों ने हिस्सा लिया था।
इसमें भारत से 2,285 लोग शामिल थे। जिसमें 1,223 पुरुष और 1,053 महिलाओं ने सवालों के जवाब दिए थे।
खुलासा
85 प्रतिशत महिलाओं को नहीं मिली वेतन वृद्धि और पदोन्नति
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 85 प्रतिशत महिला कर्मचारियों ने महिला होने के कारण वेतन वृद्धि, पदोन्नति सहित अन्य लाभ के मौके गंवा दिए। यह एशिया प्रशांत क्षेत्र के 60 प्रतिशत औसत से 15 प्रतिशत अधिक है।
इसी तरह 22 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उन्हें पुरुषों की तुलना वरियता नहीं दी जाती।
इसी तरह कई कामकाजी महिलाओं को परिवार की देखभाल के लिए समय की कमी के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
बाधा
लिंगभेद के कारण 50 प्रतिशत महिलाओं को नहीं मिले मौके
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार दो में एक यानी 50 प्रतिशत भारतीय महिलाओं को लगता है कि लिंगभेद की धारणा के कारण उन्हें अधिक अवसर नहीं दिए जाते हैं। तीन में से दो महिलाओं को लिंगभेद के कारण बेहतर मार्गदर्शन नहीं मिलता है।
इसी तरह 10 में से सात कामकाजी महिलाओं को घरेलू जिम्मेदारियों के कारण कार्यस्थल भेदभाव का सामना करना पड़ा है।
71 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि पारिवारिक जिम्मेदारियां उनके करियर में बाधा बनती हैं।
महत्वपूर्ण
आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है जेंडर
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 63 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए व्यक्ति का जेंडर महत्वपूर्ण होता है। इसके मुकाबले 54 प्रतिशत पुरुषों को ऐसा लगता है।
भारत में लगभग 22 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि कंपनियां पुरुषों के प्रति 'अनुकूल पूर्वाग्रह' रखती है जो कि क्षेत्रीय औसत 16 प्रतिशत से काफी अधिक है।
इसी तरह 66 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनके माता-पिता लिंगभेद की प्रवृत्ति से दूर हुए हैं।
जानकारी
37 प्रतिशत भारतीय महिलाओं को पुरुषों की तुलना में मिलता है कम वेतन
भारत की 37 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि उन्हें कम अवसर मिलते हैं और उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है। केवल 25 फीसदी पुरुष कम अवसरों से सहमत हैं, जबकि 21 फीसदी पुरुष कम वेतन वाले हिस्से से सहमत हैं।
चुनौतियां
वर्क फ्रॉम होम की वजह से कामकाजी माताओं की बढ़ी परेशानी
सर्वे के अनुसार कोरोना महामारी की वजह से बच्चों की देखभाल को लेकर भी चुनौतियां सामने आई हैं। देश का कुल भरोसा बढ़ रहा है।
इसी तरह घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम की वजह से कामकाजी माताओं की परेशानियों में भारी इजाफा हुआ है। अभी 10 में से 7 महिला (77 प्रतिशत) पूरे समय बच्चों की देखभाल कर रही हैं।
वहीं, सिर्फ पांच में से एक यानी 17 प्रतिशत पुरुष ही पूरे समय बच्चों की देखभाल रहे हैं।
बयान
कामकाजी महिलाओं के लिए नौकरी की सुरक्षा महत्वपूर्ण- आनंद
भारत में लिंक्डइन की निदेशक रूचि आनंद ने कहा कि भारत में कामकाजी महिलाओं के लिए नौकरी की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि लचीले शेड्यूल और सीखने के नए अवसर महत्वपूर्ण हैं जो संगठनों को अधिक महिला प्रतिभाओं को आकर्षित करने, काम पर रखने और बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कंपनियों को अपने नियमों को फिर से तैयार करने तथा कार्यबल में महिला भागीदारी बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा।