#NewsBytesExplainer: बाबा बुल्ले शाह का 'थइया थइया' कैसे बना शाहरुख का 'छैय्यां छैय्यां'?
शाहरुख खान अपने कई तरह के अंदाज से दर्शकों का दिल जीत चुके हैं। इनमें से उनका एक यादगार अंदाज ट्रेन के ऊपर 'छैय्यां छैय्यां' गाने पर डांस करना है। यह गाना 1998 में आई फिल्म 'दिल से' का है। करीब 25 साल बाद भी इस गाने को लोग खूब पसंद करते हैं। आज आपको बताते हैं बॉलीवुड के सबसे मशहूर गानों में शुमार इस गाने के पीछे की असली कहानी।
बाबा बुल्ले शाह ने लिखा था यह गाना
भले ही आज इस गाने को 'शाहरुख खान की छैय्यां छैय्यां' के रूप में जाना जाता है, लेकिन असल में इस गाने को सूफी संत बाबा बुल्ले शाह ने लिखा था। कहा जाता है कि एक बार बाबा बुल्ले शाह के गुरु शाह इनायत कादरी उनसे नाराज हो गए थे। बाबा बुल्ले शाह अपने गुरु के प्रेम में पागल थे। उनकी नाराजगी उनसे झेली नहीं गई। उन्होंने उन्हें मनाने का हर संभव प्रयास किया था।
गुरु को मनाने के लिए लिखा 'थइया थइया'
जब उनके गुरु की नाराजगी दूर नहीं हुई, तो उनके प्रेम में डूबे बुल्ले शाह ने उनके लिए 'थइया थइया' गाना लिखा था। इसके बोल थे, "आजा सजना, आजा सजना नहीं तो मैं मर गइयां गइयां... कर थइया थइया।" इस गीत का भाव था कि वह उनके प्रेम का इंतजार नहीं कर सकते। वह उनके प्रेम में थइया थइया करके नाच रहे हैं। इस गीत को कोई ईश्वर को, कोई गुरु को तो कोई अपने महबूब समर्पित करता रहा है।
सुखविंदर ने 'दिल से' के लिए सुझाया था गाना
एआर रहमान 'दिल से' के एल्बम के लिए एक पंजाबी लोक गीत ढूंढ रहे थे। ऐसे में गायक सुखविंदर ने उन्हें 'थइया थइया' के बारे में सुझाया। इसके बाद गुलजार ने इसका नया संस्करण तैयार किया और 'थइया थइया' को 'छैय्यां छैय्यां' कर दिया। इस गाने में 'छैय्यां' का अर्थ है 'छांव' और गाने का सार है कि नायक अपने महबूब के प्रेम की छांव पाने के लिए बेचैन है।
'वंदे मातरम' के लिए रहमान ने बनाया था संगीत
एक इंटरव्यू में रहमान ने बताया था कि इस संगीत को उन्होंने असल में अपने एल्बम 'वंदे मातरम' के लिए तैयार किया था, लेकिन यह वहां पर जच नहीं रहा था। उन्होंने जब 'दिल से' के लिए यह संगीत मणिरत्नम को सुनाया, तो उन्हें यह एक बार में पसंद आ गई। इस गाने को सुखविंदर और सपना अवस्थी ने गाया था। सुखविंदर बुल्ले शाह के 'थइया थइया' को भी आवाज दे चुके हैं। यह गाना भी यूट्यूब पर मौजूद है।
ऊटी में फिल्माया गया गाना
मणिरत्नम ने इस गाने का संगीत सुनते ही फैसला कर लिया था कि वह इसे ट्रेन के ऊपर फिल्माएंगे। इस गाने को ऊटी में नीलगिरी माउंटेन रेलवे की एक ट्रेन पर फिल्माया गया था। चलती ट्रेन के लिए इस गाने को फराह खान ने कोरियोग्राफ किया था। गाने में शाहरुख के साथ मलाइका अरोड़ा और कई बैकग्राउंड डांसर नजर आए थे। खास बात यह है कि इसमें किसी तरह के स्पेशल इफेक्ट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
विदेश में भी लोकप्रिय हुआ गाना
इस गाने ने उस साल कई पुरस्कार अपने नाम किए थे। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी इस गाने को खूब लोकप्रियता मिली थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इतालवी फिल्म 'ब्रैंनशी' के क्रेडिट में इस गाने का इस्तेमाल किया गया था। 2006 की फिल्म 'इनसाइड मैन' में भी एंड क्रेडिट में इस गाने के रिमिक्स इस्तेमाल किए गए थे। मशहूर अमेरिकी सिटकॉम 'आउटसोर्स्ड' के एक एपिसोड में भी यह गाना इस्तेमाल किया गया था।
कौन थे बाबा बुल्ले शाह?
बाबा बुल्ले शाह का असली नाम सईद अब्दुल्ला शाह कादरी है। वह 17वीं शताब्दी के मशहूर दार्शनिक और सूफी कवि थे। उनका जन्म 1680 में हुआ था। पंजाब में कई सामाजिक सुधार का श्रेय उन्हें दिया जाता है। उनके लेखों और गीतों का कई कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जाता है। UNESCO भी एक कार्यक्रम में उनके गीत का इस्तेमाल कर चुका है। बुल्ले शाह पर बनी डॉक्युमेंट्री में आयुष्मान खुराना ने उनका किरदार निभाया था।