पर्दे पर नजर आएगी कथक क्वीन सितारा देवी की जिंदगी, हुआ बायोपिक का ऐलान
भारत की मशहूर कथक डांसर सितारा देवी फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, अब उनके जीवन पर फिल्म बनने जा रही है। सितारा देवी की 101वी जयंती पर उनकी बायोपिक की घोषणा हुई है। उनके बेटे और प्रसिद्ध संगीतकार रंजीत बरोट अपनी मां के जीवन पर बनने वाली फिल्म में अपना अहम योगदान देंगे। उन्होंने भी फिल्म को लेकर खुशी जाहिर की है। आइए जानते हैं कौन बना रहा है सितारा देवी पर फिल्म।
निर्माता राज सी आनंद ने की बायोपिक की घोषणा
सितारा देवी की बायोपिक बनाने की पुष्टि उनके 101वें जन्मदिन पर फिल्म निर्माता राज सी आनंद ने की है। राज सी आनंद एक बयान जारी करते कहा, "सितारा देवी की कहानी को बड़े पर्दे पर जीवंत करने के लिए हम बहुत खुश और उत्साहित हैं। हमें विश्वास है कि उनकी कहानी को देखना काफी शानदार होगा।" उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि फिल्म उतनी ही आकर्षक हो, जितनी उनकी वास्तविक जिदंगी हुआ करती थी।"
सितारा देवी के बेटे रंजीत बरोट ने भी जताई खुशी
रंजीत बरोट ने कहा, "जब राज आनंद उन पर फिल्म बनाने के विचार के साथ मेरे पास आए तो मुझे महसूस हुआ कि मेरी मां के प्रति उनका उत्साह और लगाव वास्तविक है। हम उनके जीवन की अनकही कहानी को पर्दे पर लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं।" फिलहाल सितारा देवी से जुड़े तथ्यों को खोजने के लिए एक टीम ने अपना काम शुरू कर दिया है। रंजीत बरोट ने इस टीम का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी ली है।
पांच साल की उम्र से नृत्य करने लगी थीं सितारा देवी
कथक नृत्यांगना सितारा देवी जैसी प्रतिभावान नर्तकी ने अपनी नृत्यकला के सहारे विश्व ख्याति अर्जित की थी। पांच साल की उम्र में उन्होंने नृत्य करना शुरू कर दिया था। 16 साल की उम्र में उन्हें कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 'कथक क्वीन' खिताब से विभूषित किया। सितारा ने फिल्मों में अभिनय भी किया और अपनी गायकी से भी लोगों का दिल जीता, लेकिन वह नृत्यों के कारण पहचानी जाती रहीं। उनकी यही सफलता उन्हें दूसरों से अलग करती है।
2014 में हुआ था सितारा देवी का निधन
सितारा देवी का जन्म 8 नवंबर, 1920 को तत्कालीन कलकत्ता में हुआ था। लंबी बीमारी के बाद 25 नवंबर, 2014 को मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
सितारा देवी को मिले कई पुरस्कार
बता दें कि सितारा देवी एक बेहतरीन क्लासिकल डांसर थीं, जिन्होंने दुनियाभर में अपने डांस से छाप छोड़ी। उन्होंने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री और कालिदास सम्मान सहित कई पुरस्कारों को अपने नाम किया था। भारतीय क्लासिकल डांस में सितारे देवी के योगदान को हमेशा याद किया जाता है। छह दशकों तक शास्त्रीय नृत्य विधा में योगदान के लिए उन्हें 2011 में 'लीजेंड्स ऑफ इंडिया लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।