अगले महीने रिलीज होगी दिवंगत अभिनेता राज कपूर की बायोग्राफी
बॉलीवुड में दिवंगत अभिनेता राज कपूर का नाम बहुत अदब से लिया जाता है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अपने अभिनय से सजाने और संवारने का काम किया है। आज भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। इस साल जून में फिल्म निर्माता राहुल रवैल ने उनकी बायोग्राफी की घोषणा की थी। अब जानकारी सामने आ रही है कि दिवंगत राज की बायोग्राफी का लोकार्पण अहले महीने होने वाला है।
समीक्षक तरण आदर्श ने दी जानकारी
फिल्म समीक्षक तरण आदर्श ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'राज की जयंती पर उनकी बायोग्राफी का विमोचन होगा। राहुल द्वारा लिखित बायोग्राफी 'राज कपूर, द मास्टर एट वर्क' 14 दिसंबर 2021 को अभिनेता की जयंती पर रिलीज होगी। रणधीर कपूर ने इसकी प्रस्तावना लिखी है।' बता दें कि रणधीर राज के बेटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी बायोग्राफी को ऑनलाइन प्री-ऑर्डर किया जा सकता है।
यहां देखिए तरण आदर्श का ट्विटर पोस्ट
ई-कॉमर्स साइट अमेजन पर उपलब्ध है बायोग्राफी
राज की बायोग्राफी ई-कॉमर्स साइट अमेजन पर उपलब्ध है। इस किताब में राज के करियर और उनकी जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं का उल्लेख किया गया है। निर्देशक, प्रोड्यूसर और एक फिल्ममेकर के रूप में उनकी यात्रा का वर्णन इसमें किया गया है। राहुल ने इस बायोग्राफी पर काम उसी वक्त शुरू कर दिया था, जब दिवंगत अभिनेता और राज के बेटे ऋषि कपूर जीवित थे। उन्होंने रणधीर और उनकी मां कृष्णा कपूर के साथ भी बातचीत की थी।
लेखक अपूर्व असरानी द्वारा सुझाया गया आइडिया
इस बायोग्राफिकल किताब का अनावरण इस साल 14 दिसंबर को किया जाएगा, जो शोमैन राज का 97वां जन्मदिन है। राहुल ने कहा कि शुरुआत में इस बायोग्राफी को लिखने का आइडिया अपूर्व असरानी द्वारा सुझाया गया था। अपूर्व 'क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' के लेखक हैं। राहुल के करियर की बात करें तो उन्होंने 'लव स्टोरी', 'बेताब', 'अंजाम' और 'अर्जुन पंडित' जैसी फिल्में बनाई हैं। 'अर्जुन पंडित' में सनी देओल और जूही चावला मुख्य भूमिका में थे।
राज को मिले थे तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
राज का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को हुआ था। उनका जन्म अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के परिवार में हुआ था। वह 1951 में आई 'आवारा' और 1954 में आई 'बूट पोलिश' के लिए कान फिल्म महोत्सव में पाल्मे डीओर भव्य पुरस्कार के लिए दो बार नामांकित किए गए। उन्हें हिन्दी सिनेमा का सबसे बड़ा शोमैन कहा जाता है। उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 11 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले। उन्हें भारत सरकार ने 1971 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।