आखिर क्यों की जा रही है UPSC प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग?
28 मई को हुई संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग की जा रही है। परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 3 जुलाई को सुनवाई करेगा। परीक्षा देने वाले 17 उम्मीदवारों ने याचिका दायर की है। इसमें सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2023 को रद्द करने के साथ ही प्रारंभिक परीक्षा को दोबारा आयोजित किए जाने की मांग की गई है। आइए जानते हैं परीक्षा के विरोध का कारण।
परीक्षार्थी क्यों कर रहे हैं विरोध?
इस बार UPSC प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन पेपर 1 और पेपर 2 में काफी कठिन सवाल पूछे गए थे। परीक्षार्थियों का कहना है कि UPSC परीक्षा में असंगत और अस्पष्ट सवाल पूछे गए, केवल अंदाजे लगाने के आधार पर उम्मीदवारों की उत्तर देने की क्षमता को जांचा जा रहा है। ये सब मनमाना है और निष्पक्षता, तर्क के सभी सिद्धांतों की उपेक्षा करता है। कुल मिलाकर आयोग अपनी मनमानी कर रहा है और छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है।
CSAT में पूछे गए CAT स्तर के सवाल
परीक्षा के पेपर 2 सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) में गणित का स्तर काफी कठिन था। परीक्षार्थियों का कहना है कि UPSC की वैधानिक अधिसूचना में बताए गए पाठ्यक्रम में प्रावधान है कि गणित के प्रश्न कक्षा 10 के स्तर के पूछे जाएंगे, लेकिन परीक्षा में गणित के कई सवाल कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) स्तर के पूछे गए जबकि पेपर सिर्फ योग्यता परीक्षण के लिए होता है। पाठ्यक्रम से हटकर कठिन सवाल पूछना तर्कसंगत नहीं है।
उत्तर कुंजी जारी न होने को लेकर अभ्यर्थियों ने जताई है नाराजगी
अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित करने के साथ ही उत्तर कुंजी प्रकाशित करने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने उत्तर कुंजी जारी नहीं की। परीक्षार्थियों का कहना है कि जब प्रतियोगी परीक्षा आयोजित होती है तो बहुविकल्पीय प्रश्नों की उत्तर कुंजी पहले से ही तैयार की जाती है ताकि परीक्षा आयोजित होने के बाद इसे जारी किया जा सके, लेकिन आयोग हमेशा परीक्षा की पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी करता है।
आपत्तियां उठाने का मौका नहीं देता आयोग
परीक्षार्थियों ने बताया कि सभी राज्य लोक सेवा आयोग, NEET, JEE में भी परीक्षा के एक सप्ताह के अंदर अंतरिम उत्तर कुंजी जारी की जाती है, छात्रों को आपत्तियां उठाने का मौका दिया जाता है और फिर आवश्यक होने पर उत्तर कुंजी में बदलाव किया जाता है, लेकिन UPSC ऐसा नहीं करता। ऐसे में उम्मीदवार अपने अंकों का मूल्यांकन भी नहीं कर पाते, उम्मीदवारों के व्यक्तिगत स्कोर कार्ड भी पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही जारी होते है।
CSAT कटऑफ को लेकर जल्द आएगा फैसला
परीक्षा में कठिनाई का स्तर और उत्तर कुंजी जारी न करने के मुद्दे को लेकर परीक्षार्थी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे। इस मांग पर दिल्ली हाई कोर्ट 3 जुलाई को सुनवाई करेगा, इसके साथ ही कोर्ट ने CSAT कटऑफ अंक 33 प्रतिशत से 23 प्रतिशत करने की याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कटऑफ अंक कम करने की याचिका पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण सुनवाई कर रहा है और जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।