आज दुनियाभर में मनाया जा रहा है अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानें इतिहास और महत्व
शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। एक शिक्षित व्यक्ति स्वस्थ समाज का निर्माण करता है। शिक्षा के इसी महत्व को दुनिया भर में बताने के लिए हर साल 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। आइए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य जानते हैं।
कब से हुई शुरुआत?
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत 2019 से हुई है। 3 दिसंबर, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक प्रस्ताव पारित कर 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। 59 सदस्य देशों द्वारा समर्थित यह ऐतिहासिक प्रस्ताव शिक्षा की पहुंच पर वैश्विक जागरूकता की आवश्यकता और प्रत्येक व्यक्ति के लिए इसके गहन महत्व को रेखांकित करता है। इस साल 6वां अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है।
इस साल की थीम क्या है?
हर साल अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम अलग-अलग रहती है। इस साल की थीम "स्थायी शांति के लिए सीखना" है। इस थीम का का लक्ष्य शांति और समझ को बढ़ावा देने में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालना है और समकालीन वैश्विक मुद्दों के साथ गहरा तालमेल बिठाना है। इसका उद्देश्य शिक्षार्थियों को आवश्यक ज्ञान, मूल्यों, दृष्टिकोण, कौशल और व्यवहार के साथ सशक्त बनाना है और उन्हें अपने समुदायों के भीतर शांति के उत्प्रेरक के रूप में बदलना है।
क्या कहते हैं शिक्षा से जुड़े आंकड़ें?
यूनेस्को द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 के बाद से स्कूल न जाने वाले बच्चों की वैश्विक संख्या में 6 मिलियन क वृद्धि हुई है। इस तरह स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या कुल 250 मिलियन हो गई है। विश्व स्तर पर 16 प्रतिशत बच्चे और युवा स्कूल नहीं जा रहे हैं। स्कूल न जाने वाली आबादी का बड़ा हिस्सा महिलाएं हैं। ऐसे में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना बेहद जरूरी है।
शिक्षा क्यों है जरूरी?
शिक्षा व्यक्तिगत उत्पादकता में सुधार करने के साथ ही आर्थिक विकास में सहायक होती है। शिक्षा बच्चों को गरीबी से बाहर निकालती है और लैंगिक समानता तक के मुद्दों को हल करने की शक्ति रखती है। समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हल करने से छात्र दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं। जलवायु परिवर्तन, हिंसा, मुठभेड़, असमानता, आतंकवाद जैसी समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षित समाज विकसित करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में शिक्षा को लेकर कानूनी प्रावधान
भारत में शिक्षा को लेकर कई कानूनी प्रावधान हैं, इनमें से ज्यादातर संविधान में वर्णित हैं। संविधान के अनुच्छेद 45 में स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि सार्वभौमिक, निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान केंद्र और राज्य की संयुक्त जिम्मेदारी है। अनुच्छेद 30 शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 15, 17 और 46 भारतीय समुदाय के कमजोर वर्गों के शैक्षिक हितों की रक्षा करता है। अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षा का प्रावधान करता है।