NEET पास नहीं कर पाए तो इन देशों में सस्ती फीस पर करें MBBS
क्या है खबर?
भारत में डॉक्टर बनने के लिए हर साल लाखों छात्र राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में भाग लेते हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा ज्यादा होने और मेडिकल सीट कम होने के कारण कई छात्र परीक्षा में सफल नहीं हो पाते।
NEET में असफल कई छात्र भारत के प्राइवेट कॉलेजों में MBBS डिग्री कोर्स की फीस नहीं भर पाते और उनका डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाता है।
ऐसे छात्र विदेशों में सस्ती फीस पर मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं।
रुस
रूस
रूस मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्रों की पहली पसंद में से एक है।
रूस में भारत के अलावा कई अन्य देशों के छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए जाते हैं।
रूस सरकार मेडिकल की पढ़ाई पर भारी सब्सिडी देती है, इससे बहुत कम खर्च पर यहां MBBS डिग्री हासिल की जा सकती है।
भारतीय छात्र रूस की कजान फेडरल यूनिवर्सिटी, अल्ताई स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, रियाजान मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला ले सकते हैं।
किर्गिजस्तान
किर्गिस्तान
किर्गिस्तान को मेडिकल शिक्षा पूरी करने के लिए सबसे सस्ती जगहों में गिना जाता है।
यहां अच्छी बुनियादी सुविधाओं के साथ कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाती है।
ओश स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, जलालाबाद मेडिकल यूनिवर्सिटी, एशियाई मेडिकल संस्थान, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मेडिसिनिन किर्गिस्तान के कुछ प्रमुख शिक्षा संस्थान हैं।
इनमें से कई संस्थानों में बिना किसी परीक्षा के प्रवेश दिया जाता है। कजाखस्तान में भी कई शिक्षण संस्थान हैं जो डॉक्टरी की पढ़ाई करवाते हैं।
चीन
चीन
चीन के 45 मेडिकल शिक्षा संस्थान भारत में पंजीकृत हैं, इनसे पढ़ाई को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) वैद्य मानता है।
भारतीय छात्र चीन के नानजिंग मेडिकल कॉलेज, हैनान मेडिकल यूनिवर्सिटी, निंग्जिया मेडिकल यूनिवर्सिटी, कुनमिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में दाखिला ले सकते हैं।
चीन में मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही रहना- खाना भी सस्ता है और यही वजह है कि भारत के सैंकड़ों छात्र चीन में जाकर MBBS की डिग्री लेते हैं।
फिलीपींस
फिलीपींस
फिलीपींस को मेडिकल पढ़ाई की दृष्टि से काफी अच्छा माना जाता है।
इसमें मेडिकल की पढ़ाई को 2 भागों में बांटा गया है। पहले भाग में 1 साल का BS प्रोग्राम होता है।
इसके बाद अपीयर परीक्षा देनी होती है। इसके बाद छात्रों को 4 साल का MD कोर्स करना होता है।
फिलीपींस में बिकल क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ मेडिसिन, कगयन स्टेट यूनिवर्सिटी, लिसेयुम नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, AMA स्कूल ऑफ मेडिसिन जैसे प्रमुख शिक्षा संस्थान हैं।
इन
इन देशों से भी कर सकते हैं पढ़ाई
छात्र पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, यूक्रेन, जॉर्जिया या जर्मनी से भी मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं।
विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अहम गाइडलाइन निर्धारित की गई है।
इनके अनुसार, उम्मीदवार जिस देश की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं, उसी देश में परीक्षा और इंटर्नशिप को पूरा करना जरूरी है।
इंटर्नशिप 12 महीने की होनी चाहिए। प्रवेश लेने के 10 साल के भीतर कोर्स पूरा करना आवश्यक है। पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए।
जानकारी
विदेशों से पढ़ाई के बाद भारत में ऐसे मिलेगी मान्यता
विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) पास करना होता है। इसके बाद ही उन्हें भारत में मेडिकल प्रैक्टिस की अनुमति मिलती है। ये काफी कठिन टेस्ट है, इसमें 50 प्रतिशत नंबर लाना अनिवार्य होता है।