अब स्कूल कैंटीन और स्कूल के बाहर नहीं मिलेगा जंक फूड, जानें कारण
स्कूल कैंटीन में आलू वेफर्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स और अन्य जंक फूड्स की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं, स्कूल कैंटीन के साथ-साथ स्कूल कैंपस के 50 मीटर के दायरे में भी जंक फूड के कोई भी विज्ञापन भी नहीं लगेंगे। बता दें कि फूड रेगुलेटर FSSAI ने बच्चों को केवल सुरक्षित और पौष्टिक भोजन खाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ये किया है। आइए जानें पूरी खबर।
FSSAI के ड्राफ्ट रेगुलेशन में रखा गया ये प्रस्ताव
जंक फूड की बिक्री पर प्रस्तावित प्रतिबंध और जंक फूड के लिए विज्ञापन पर रोक, FSSAI के ड्राफ्ट रेगुलेशन 'फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड (स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार)' में शामिल हैं। फूड और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने ड्राफ्ट नियमों पर 30 दिनों के भीतर स्टेकहोल्डर से टिप्पणियां मांगी हैं। इस कदम से बच्चों को काफी हद तक जंक फूड से दूर रखा जा सकता है।
क्या कहा FSSAI ने?
FSSAI ने कहा कि जिन खाद्य पदार्थों को हाई फेट, नमक और चीनी (HFSS) में संदर्भित किया जाता है, उन्हें स्कूल कैंटीन/मेस परिसर/हॉस्टल या स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में स्कूली बच्चों को नहीं बेचा जा सकता है।
कैंपस को 'राइट ईट राइट स्कूल' में बदलें
FSSAI ने प्रस्तावित किया है कि स्कूली बच्चों के बीच सेफ फूड और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने के लिए स्कूल अधिकारियों को एक कार्यक्रम का आयोजन करना चाहिए। साथ ही FSSAI का कहना है कि स्कूल कैंपस को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन, स्थानीय और मौसमी भोजन और निर्दिष्ट बेंचमार्क के अनुसार भोजन की बर्बादी को ध्यान में रखते हुए 'राइट ईट राइट स्कूल' में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
जंक फूड खाने से होती हैं ये बीमारियां
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नियमित रूप से जंक फूड खाने से मोटापा और बीमारियां जैसे हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज, नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग और कैंसर आदि हो सकता हैं। इस साल जून में FSSAI के CEO पवन कुमार अग्रवाल ने घोषणा की थी कि रेगुलेटर ने स्कूलों में और आसपास अस्वास्थ्यकर (Unhealthy) भोजन के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है।
इतने प्रतिशत बच्चे खाते हैं जंक फूड
एक रिपोर्ट के अनुसार 93% बच्चे सप्ताह में एक से अधिक बार पैकेट वाला खाना और 56% बच्चे मीठी चीजें जैसे आइसक्रीम-चॉकलेट खाते हैं। 14-17 वर्ष वाले 59% बच्चे दिन में कम से कम एक बार पैकेट वाला खाना खाते हैं। 83% बच्चे स्कूल जाने से पहले दूध पीते हैं और 69% नाश्ते में कॉर्नफ्लेक्स जैसी चीजें खाते हैं। 91% बच्चे घर से लंच बॉक्स लाते हैं, लेकिन 40% बच्चे लगभग रोजाना स्कूल में पैकेट वाला खाना खाते हैं।